भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन पहले जारी अपने घोषणापत्र में पार्टी ने, या उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही और न ही इस तरह की उनकी कोई मंशा है. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी जानबूझकर इस तरह के मुद्दों को हवा देकर जनता को भ्रमित करना चाहती है, ताकि हमारे घोषणापत्र के जनहितैषी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.


सरकारी स्थानों को छोड़कर आरएसएस को शाखाएं लगाने की पूरी छूट- कमलनाथ


कमलनाथ ने कहा, ''हमने कभी नहीं कहा कि हम आरएसएस पर प्रतिबंध लगाएंगे. न हमारी ऐसी मंशा है. मैंने या कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं कहा कि हम आरएसएस पर प्रतिबंध लगायेंगे.'' कमलनाथ ने कहा, ''सरकारी स्थानों को छोड़कर आरएसएस को शाखाएं लगाने की पूरी छूट है.'' उन्होंने कहा कि यह जनता तय करेगी कि आरएसएस सामाजिक संगठन है या राजनीतिक. हम इसमें नहीं पड़ना चाहते हैं.


कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बारे में सुझाब आये थे कि आदिवासी छात्रावासों और अन्य सरकारी स्कूलों में, जहां आरएसएस की शाखाएं लग रही हैं वहां बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके बाद हमने अपने घोषणापत्र में इस बिंदु को शामिल किया. इस बीच, इस बारे में एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ''यह कोई मुद्दा नहीं है. मैं (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी और (बीजेपी अध्यक्ष) अमित शाह को बहुत करीब से जानता हूं. वे नॉन-इश्यू को इश्यू बना देते हैं.''


गोहिल ने कहा कि बीजेपी ऐसा इसलिए कर रही है कि महंगे पेट्रोल-डीजल, 'अच्छे दिन आयेंगे' के उसके नारे, किसान आत्महत्या, रूपये का डॉलर के मुकाबले कमजोर होना और हर व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रूपये आने के मोदी के वादे जैसे मुद्दों पर बहस न हो. गौरतलब है कि शनिवार को जारी अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था, ''यदि प्रदेश में उसकी सरकार आती है तो वह शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखायें लगाने पर प्रतिबंध लगायेंगे. साथ ही शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे.''


इसके एक दिन बाद रविवार को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाकर दिखाएं.


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