नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों के आवंटन पर मध्य प्रदेश के पार्टी नेताओं के बीच मतभेदों को सुलझाने का कार्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं को दिया गया है क्योंकि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बातचीत अधूरी रही. सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि बुधवार को देर रात हुई कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जमकर बहस हुई.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के आवंटन को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आधी रात के बाद तक चली. हालांकि, इस बैठक में बातचीत अधूरी रह गई. सूत्रों ने बताया कि अपने-अपने उम्मीदवारों की वकालत करते हुए सिंधिया और सिंह के बीच गर्मागर्म बहस हो गई.
इसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं अहमद पटेल, एम वीरप्पा मोईली और अशोक गहलोत से कहा कि वह इन नेताओं के साथ बैठकर उनके मतभेदों को सुलझायें.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की तीसरी बैठक आज शाम होने की संभावना है. प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना है और पार्टी ने अबतक किसी भी उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है.
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी नेताओं के बीच किसी भी मतभेद की खबरों का खंडन किया और दावा किया कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व एकजुट है.
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गहलोत ने कहा, ''नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है जैसा कि मीडिया के एक धड़े में खबर आई है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के सभी नेता एकजुट हैं.'' गहलोत ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी हो जाएगी.
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