मंदसौर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एक बार फिर नेहरु-गांधी परिवार पर निशान साधते हुए दावा किया कि अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो किसानों की यह 'बर्बादी' नहीं हुई होती. कांग्रेस पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए मोदी ने विपक्षी दल से सवाल किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 'गरीबी हटाओ' का वादा गलत था या नहीं.
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी पर 2014 के लोकसभा चुनावों में लोगों से झूठे वादे करने का आरोप लगा रहे हैं. मोदी मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में यहां बीजेपी के पक्ष में एक आमसभा को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कथित तौर पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ से जुड़े एक वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता केवल एक विशेष समुदाय के लोगों के वोट की मांग कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह लोकतंत्र का अपमान नहीं है.
राहुल गांधी को 'नामदार' बोलते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को उनकी अपनी ही पार्टी में भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार की दशकों तक गलत नीतियों के कारण आज किसानों को भुगतना पड़ रहा है और हमारी सरकार को गालियां पड़ रही हैं. अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रधानमंत्री होते तो कांग्रेस के 55 साल में किसानों की बर्बादी नहीं हुई होती. वह सच्चे अर्थो में किसानों के नेता थे."
मोदी ने यूपीए सरकार के बारे में दावा किया कि दिल्ली में मैडम के रिमोट कंट्रोल से सरकार चलती थी. उस समय किसान को 15-16 फीसदी पर ब्याज मिलता था जबकि बीजेपी सरकार उनको ब्याज मुक्त रिण दे रही है. गौरतलब है कि पिछले साल मंदसौर में किसानों का विरोध प्रदर्शन हुआ था. इसमें पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गयी थी.
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