भोपाल: बीजेपी से चार बार सांसद और शिवराज सरकार में कृषि मंत्री रहे रामकृष्ण कुसमरिया ने आरोप लगाए हैं कि पार्टी में अब बुजुर्गों का सम्मान नहीं बचा. साथ ही बीजेपी की संस्कृति पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. बगावत के ये बोल रामकृष्ण कुसमरिया के हैं जो जनसंघ के जमाने से लेकर पार्टी के साथ है. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी पुरानी सीट दमोह के पथरिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं दिया तो उन्होंने मोर्चा खोल दिया.


बगावती तेवर दिखाते हुए अब कुसमरिया ने ना सिर्फ पथरिया बल्कि शिवराज सरकार में वित्त मंत्री जयंत मलैया के खिलाफ भी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. यानी दमोह शहर विधानसभा सीट से भी वो ताल ठोंक रहे हैं. उनका आरोप है कि बीजेपी में अब लोकतंत्र नहीं बल्कि अराजकता का माहौल है. इसीलिए मलैया के इशारे पर उनका टिकट काटा गया है.


बता दें कि दमोह में कुसमरिया का एक बड़ा जनाधार है जो चुनाव में बीजेपी का गेम प्लान चौपट कर सकता है. इसलिए कुसमरिया और पार्टी के बीच विवाद की खाई को पाटने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सबकुछ छोड़ बुधवार उनको मनाने पहुंचे. लेकिन कुसमरिया के दर पर डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी मुलाकात नहीं हो सकी और प्रभात झा को बैरंग ही लौटना पड़ा.


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कुसमरिया ने अपने तेवर से जता दिया है कि सुलह और समझाइश के सारे दरवाजे अब बंद हो चुके हैं. मानने-मनाने की उम्मीद छोड़ चुकी बीजेपी ने भी अब सख्ती दिखाते हुए रामकृष्ण कुसमरिया समेत 64 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है जो पार्टी के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.


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