भोपाल: मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार आज हो गया है. राज्य की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलाई. कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं. इनमें गोपाल भार्गव, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया समेत कई बड़े नेता शामिल हैं.


दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 मार्च को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी. शिवराज चौहान ने इस साल 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के दौरान करीब एक महीने तक उन्होंने अकेले ही सरकार चलाई थी.


ये नेता बने कैबिनेट मंत्री


कैबिनेट मंत्री के तौर पर गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहू लाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेन्द्र सिंह, एदल सिंह कंसाना, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिह दत्तीगांव ने शपथ ली.


इन नेताओं ने राज्य मंत्री के तौर पर ली शपथ


वहीं राज्यमंत्री के रूप में भारत सिंह कुशवाहा, इंदर सिंह परमार, रामखिलावन पटेल, राम किशोर कांवरे, बृजेन्द्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड और ओ पी एस भदौरिया को शपथ दिलाई गई.


राज्य में कुल मंत्रियों की संख्या 33 हो गई


शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मौजूद रहे. राज्य मंत्रिमंडल में 28 सदस्यों के शपथ लेने से कुल मंत्रियों की संख्या 33 हो गई है. राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बुधवार की देर रात तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के निवास पर प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा व महामंत्री सुहास भगत की बैठक चली. इस बैठक में राष्टीय नेतृत्व से भेजी गई संभावित मंत्रियों के नामों सहित अन्य नामों पर मंथन चला. उसके बाद नामों को अंतिम रूप दे दिया गया.


24 सीटों पर होने हैं उपचुनाव


मध्य प्रदेश बीजेपी के सामने बडा संकट यही है कि उसके पास पुराने विधायकों की बड़ी फौज है मगर आने वाले दिनों में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसलिये पार्टी का फोकस उन जगहों के लोगों को चुनाव के दौरान मजबूत करने का है. इसी कड़ी में सिंधिया के साथ आये मंत्रियों और विधायकों को मंत्री पद से नावाजा गया.


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