मध्य प्रदेश: चुनावी तल्खी भूल गरबा पर सुर से सुर मिला रहे हैं बीजेपी और कांग्रेस
अधिकारी ने बताया कि शीर्ष न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर रात 10 बजे के बाद स्पीकर्स के इस्तेमाल से तेज आवाज में संगीत बजाने की आम दिनों में भी मनाही है.
इंदौर: मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन दिनों सियासी घमासान जोरों पर है. लेकिन नवरात्रि के दौरान गरबा कार्यक्रमों में रात 10 बजे के बाद डीजे साउंड सिस्टम और दूसरे स्पीकर्स के इस्तेमाल पर जिला प्रशासन की रोक के खिलाफ सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस एक ही खेमे में नजर आ रहे हैं, ताकि त्योहारी माहौल में डूबे मतदाताओं के मन की बात कहकर उन्हें लुभाया जा सके.
बीजेपी शुरूआत से ही प्रशासन के इस प्रतिबंध के विरोध में है. राज्य बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा ने बुधवार को बताया कि जिला निर्वाचन कार्यालय से कोई राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने इस विषय में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में जनहित याचिका दायर कर दी है. इस याचिका पर अगले एक-दो दिन में सुनवाई की संभावना है.
शर्मा शहर के एक गरबा मंडल के संरक्षक भी हैं. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि स्थानीय बाशिंदों की त्योहारी भावनाओं के मद्देनजर नवदुर्गोत्सव के दौरान गरबा कार्यक्रमों में रात 10 बजे के बाद भी डीजे साउंड सिस्टम और दूसरे स्पीकर्स के इस्तेमाल की इजाजत दी जाये."
उधर, कांग्रेस भी इस बात के पक्ष में है कि गरबा कार्यक्रमों में रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों के इस्तेमाल पर किसी तरह की रोक नहीं लगायी जाये. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम ने कहा, "विधानसभा चुनावों के मतदान में अभी काफी समय है और गरबा केवल नौ दिन चलने वाला है. जन भावनाओं का आदर करते हुए रात 10 बजे के बाद भी गरबों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति दी जानी चाहिये."
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शीर्ष न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर रात 10 बजे के बाद स्पीकर्स के इस्तेमाल से तेज आवाज में संगीत बजाने की आम दिनों में भी मनाही है. फिलहाल प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता भी लगी हुई है. लिहाजा आयोजकों से कहा गया है कि वे गरबा पंडालों में रात 10 बजे के बाद किसी भी तरह के ज्यादा आवाज करने वाले स्पीकर्स का इस्तेमाल न करें.
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अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट किया कि रात 10 बजे के बाद जिले में गरबों पर किसी तरह की प्रशासनिक रोक नहीं लगायी गयी है. आयोजक इस वक्त के बाद अपने पंडालों में सामान्य तरीके से ढोल बजवाकर गरबा करा सकते हैं. लेकिन रात 10 बजे के बाद उन्हें गरबा स्थलों में ज्यादा आवाज करने वाले स्पीकर्स बंद करने होंगे.
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