MP: छतरपुर में मैगी खाने से 9 बच्चे बीमार, नेस्ले ने दी सफाई
मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने बीमार पड़े बच्चों के मामले में सफाई दी है. कंपनी ने कहा कि हम बच्चों में सुधार के लिए दुआ करते हैं. जो आरोप लगाए गये हैं वह पूरी तरह से गलत है. हमने जांच की, मैगी नेस्ले की नहीं है.
छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में मैगी खाने से 9 बच्चों सहित एक महिला की तबियत बिगड़ गई. नौगांव थाना क्षेत्र के बजरंग कॉलोनी में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत के बाद स्थानीय अस्पताल में सभी को भर्ती कराया गया. यहां बच्चों की स्थिति में सुधार नहीं होता देख डॉक्टरों ने सभी को ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. सभी बच्चों ने शनिवार रात को मैगी खाई थी. सभी एक ही परिवार के हैं.
बीमार बच्चों के परिजनों का दावा है कि बच्चों ने किराने की दुकान से मैगी खरीदी थी और घर पर बनाकर खाई. खाने के कुछ देर बाद तबियत बिगड़ गई. मैगी खाने वालों में घर की एक बूढ़ी महिला भी थी. जिन्हें तबियत बिगड़ता देख अस्पताल में भर्ती कराया गया. बीमार बच्चों की उम्र दो साल से 11 साल के बीच है.
हालांकि मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने परिजनों के दावों को खाजिर किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि बच्चों ने जो मैगी खाई है वह नेस्ले की नहीं है. कंपनी ने कहा, ''हम बच्चों में सुधार के लिए दुआ करते हैं. जो आरोप लगाए गये हैं वह पूरी तरह से गलत है. हमने जांच की, मैगी नेस्ले की नहीं है.''