उन्होंने शिवराज सरकार को हिन्दू विरोधी बताया. कंप्यूटर बाबा ने कहा कि मुझे ऐसा लगा कि शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और धर्म का काम कुछ करना ही नहीं चाहते हैं. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया.
चुनाव के दैरान यू टर्न लेने के पीछे कंप्यूटर बाबा ने नर्मदा में खनन के मुद्दे को बताया है. उन्होंने खुलासा किया है कि जब सरकार में मंत्री बनने के बाद उन्होंने नर्मदा का अवैध खनन रोकने को कहा तो शिवराज ने कहा कि चुनाव का टाइम है सरकार को खतरा हो जाएगा. इसी बात से नाराज कंप्यूटर बाबा ने मंत्री पद छोड़ दिया और बीजेपी को हराने की कसम खाली.
शिवराज सिंह चौहान का साथ छोड़ने के बाद यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या बीजेपी का दामन छोड़ वह चुनावी मौसम में कांग्रेस की ओर रुख करेंगे. हालांकि अभी तक उन्होंने इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया है. बाबा के मुताबिक संतों की संसद में ही किस पार्टी को समर्थन देना है इसका फैसला लिया जाएगा. कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पर कंप्यूटर बाबा ने साफ कहा कि हिंदुत्व किसी की बपौती नहीं है. जो हिंदुत्व के साथ है हम उसके साथ खड़े हैं.