भोपाल: मध्य प्रदेश में पांच रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन कराने वाली दीनदयाल रसोई योजना पिछले 20 दिनों से बंद है. नगर निगम द्वारा संचालित रसोई में भोजन की उम्मीद में आ रहे सैकड़ों लोग भूखे ही लौट रहे हैं. अफसरों का कहना है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से राशन उपलब्ध नहीं कराने के कारण योजना बन्द है.
अप्रैल 2017 में पूर्व की बीजेपी सरकार ने तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना शुरू की थी. वहीं प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न तोमर का कहना है कि प्रदेश सरकार गरीबों को कम दाम में भोजन उपलब्ध कराएगी, अगर योजना किसी वजह से रुकी है तो उसकी जांच कर फिर से शुरू किया जाएगा.
वहीं राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में योजना के बंद होने पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि योजनाओं को बंद करने और उनका नाम बदलने से कुछ नहीं होगा सरकार जन हितैषी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने का काम करे.
दीनदयाल रसोई योजना के तहत समाज के पिछड़े वर्ग, गरीब मजदूरों और मरीजों के परिजनों को पांच रुपये के नाम मात्र शुल्क में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता था. इस पूरी योजना को संचालित करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक संस्था को दी गई थी, वहीं प्रदेश सरकार अब इस योजना को नए नाम के साथ और बेहतर तरीके से चलाने की बात कह रही है.
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