कमलनाथ सरकार ने खत्म किया रिवाज, अब महीने की पहली तारीख को मंत्रालय में नहीं गाया जाएगा वंदे मातरम
बीजेपी वंदे मातरम को लेकर कांग्रेस को घेरती रही है. कुछ महीने पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यह किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं हो सकता है. लेकिन कांग्रेस ने गीत पर प्रतिबंध लगाकर इसको धर्म से जोड़ दिया.
भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसपर सियासी तूफान मच सकता है. हर माह की एक तारीख को मंत्रालय में गाये जाने वाले वंदे मातरम को सरकार ने बंद कर दिया है. मंत्रालय के कर्मचारी एक तारीख को पार्क में इकट्ठा होते थे और मिलकर 'वंदे मातरम' गान करते थे. पूर्व की बीजेपी सरकार ने इस परंपरा की शुरुआत की थी. वंदे मातरम को लेकर विवाद अक्सर सुर्खियों में रहा है.
बीजेपी वंदे मातरम को लेकर कांग्रेस को घेरती रही है. कुछ महीने पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यह किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं हो सकता है. लेकिन कांग्रेस ने गीत पर प्रतिबंध लगाकर इसको धर्म से जोड़ दिया. यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का हिस्सा था.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस 15 सालों बाद सत्ता में लौटी है और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने हैं. कांग्रेस ने सूबे में सरकारी कैंपस में लगने वाले आरएसएस की शाखा को बंद करने की भी बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकारी अधिकारी भी आरएसएस के कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे.
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