भोपाल: छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने विधानसभा की सदस्यता से बुधवार को त्यागपत्र दे दिया. सक्सेना के इस्तीफे से मुख्यमंत्री कमलनाथ के छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उपचुनाव में उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ हो जायेगा. सक्सेना ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया, ''अपने नेता (कमलनाथ) के उपचुनाव लड़ने के लिये मैंने छिंदवाड़ा से विधायक पद से इस्तीफा दिया है. मैंने अपना त्यागपत्र आज विधानसभा अध्यक्ष को दे दिया और मुझे विश्वास है कि यह स्वीकार हो जायेगा.''


कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. फिलहाल कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और नियमानुसार उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा.


कमलनाथ के एक नजदीकी कांग्रेस नेता ने बताया कि इससे पहले छिंदवाड़ा से नौ दफा लोकसभा सांसद छिंदवाड़ा जिले की ही सौंसर विधानसभा सीट से उपचुनाव में उतरने का मन बना रहे थे. लेकिन मुख्यमंत्री ने सौंसर से उपचुनाव नहीं लड़ने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि सौंसर अपेक्षाकृत छोटा स्थान है और बीजेपी उनके खिलाफ यह दुष्प्रचार कर सकती है कि कमलनाथ ने आसान जीत के लिये छिंदवाड़ा विधानसभा सीट छोड़कर सौंसर सीट को चुना.


कमलनाथ साल 1980 से मात्र एक बार छोड़कर छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ दफा सांसद रहे हैं और नवंबर 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी आठ विधानसभा सीटों पर विजय हासिल की थी.


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