नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के सागर जिले में मतदान के दो दिन बाद ईवीएम मशीनों को दो दिन के विलंब से स्ट्रांग रूम में जमा कराने के मामले में कार्रवाई की है. आयोग ने खुरई विधानसभा क्षेत्र के पीठासीन अधिकारी और स्थानीय राजस्व अधिकारी (एसडीओ) को हटाकर पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी दूसरे अधिकारी को सौंप दी है. आयोग के सूत्रों के अनुसार बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को खुरई के पीठासीन अधिकारी विकास सिंह और एसडीओ को हटाने के निर्देश दिये गए हैं. आयोग द्वारा जारी आदेश में सागर की उप जिलाधिकारी तान्वी हुडा को पीठासीन अधिकारी और एसडीओ पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.


उल्लेखनीय है कि आयोग ने राज्य में गत 28 नवंबर को मतदान के बाद ईवीएम की सुरक्षा में गड़बड़ी होने संबंधी कांग्रेस की शिकायत पर यह कार्रवाई की है. कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने एक दिसंबर को आयोग के समक्ष ईवीएम के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाये थे. तन्खा ने राज्य के सागर जिले में मतदान के दो दिन बाद ईवीएम मशीनें स्ट्रॉग रूम में जमा कराने की शिकायत की थी.


आयोग ने मंगलवार को इस मामले में राज्य निर्वाचन कार्यालय की जांच के आधार पर तन्खा को भेजे जवाब में स्वीकार किया कि सागर के जिला कोषागार में 30 नवंबर को स्थानीय नगर निकाय के चार वाहनों (जिनमें से एक वाहन बिना नंबर प्लेट का था) से 50 बैलिट यूनिट, 26 कंट्रोल यूनिट और 42 वीवीपीएटी जमा करायी गयी थीं.


आयोग ने स्पष्ट किया कि इसकी शिकायत करने वाले खुरई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार और अन्य प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इन मशीनों का परीक्षण किया गया. जांच में पाया गया कि ये अतिरिक्त संख्या में रखी जाने वाली मशीनें थी. इनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था.


आयोग ने इस मामले में राज्य निर्वाचन कार्यालय की जांच रिपोर्ट के अधार पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की आशंकाओं को निराधार बताते हुये कहा कि सीईओ को स्ट्रांग रूम की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया है. आयोग ने बताया कि इन मशीनों को देर से कोषागार में जमा कराने के लिये उप पीठासीन अधिकारी और नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को एक दिसंबर को ही निलंबित कर दिया गया था.


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इस पर अग्रिम कार्रवाई करते हुये आयोग ने बुधवार को विकास सिंह को पीठासीन अधिकारी पद से हटाकर तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार में उनका तबादला करने का आदेश दिया है.


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