इंदौर: इंसाफ के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाते हुए 21 साल की महिला ने आरोप लगाया है कि दहेज में ऑटो रिक्शा नहीं मिलने पर उसके पति ने उसे व्हाट्सएप पर 'तीन तलाक' देकर उसे मासूम बेटे समेत घर से बाहर निकाल दिया है. सिरपुर कांकड़ इलाके में रहने वाली आफरीन बी (21) ने बताया, "बतौर दहेज ऑटो रिक्शा नहीं मिलने पर मेरे शौहर शाहरुख अंसारी ने मुझे कुछ दिन पहले व्हाट्सएप पर ऑडियो मैसेज भेजकर मुझसे कहा कि उन्होंने मुझे तलाक दे दिया है. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वह दूसरा निकाह करने जा रहे हैं."
सातवीं तक पढ़ी महिला ने कहा, "मेरी गृहस्थी चलाने में मदद के लिये मेरे मायकेवाले मुझे पहले भी नकद राशि देते रहे हैं. लेकिन अब मेरे ससुरालवाले कह रहे हैं कि या तो मेरे शौहर को ऑटो रिक्शा दिला दिया जाये या उन्हें घर जमाई बना लिया जाये." आफरीन ने बताया कि उनकी अंसारी से तीन साल पहले शादी हुई थी और उनका ढाई साल का बेटा भी है. व्हाट्सएप पर कथित तौर पर तीन तलाक दिये जाने के बाद वह अपने बेटे के साथ मायके में रह रही हैं.
महिला ने कहा, "मैं अपने शौहर के साथ ही रहना चाहती हूं. इस तरह व्हाट्सएप पर तीन तलाक नहीं दिया जा सकता. मैं इस नाइंसाफी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ूंगी." इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने पुष्टि की कि पुलिस को कल मंगलवार को जन सुनवाई (पुलिस अधिकारियों द्वारा आम लोगों की समस्याएं सुनने का साप्ताहिक कार्यक्रम) के दौरान आफरीन की शिकायत मिली है.
रुचिवर्धन मिश्रा ने कहा, "हम आफरीन के मायके और उसके ससुराल पक्ष को साथ बैठाकर उनके बीच सुलह की कोशिश कर रहे हैं, ताकि महिला का वैवाहिक रिश्ता बचाया जा सके. अगर इसके बाद भी आफरीन के ससुरालवाले नहीं मानेंगे, तो मामले की जांच के आधार पर उचित कानूनी कदम उठाये जायेंगे."
उधर, आफरीन के दादा इरशाद हसन ने कहा, "हम पुलिस थानों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गये हैं. अब हम इंसाफ चाहते हैं. बिना किसी जायज वजह के इस तरह व्हाट्सएप पर तीन तलाक देकर अपनी बीवी को छोड़ देना शरीयत के भी खिलाफ है." आफरीन के पिता जहीर हसन ने कहा, "हम व्हाट्सएप पर दिये तीन तलाक को कतई कबूल नहीं करेंगे. यह सरासर गलत है. अगर इस तरह मेरी बेटी और मेरे नाती को बेसहारा छोड़ दिया जायेगा, तो उनका क्या भविष्य होगा?"
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