नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश विधान चुनाव के नतीजे अभी ईवीएम में कैद हैं और ये 11 दिसंबर को सामने आएंगे. लेकिन एबीपी न्यूज़-लोकनीति-सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुताबिक सूबे में बीते 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी, कांग्रेस की आंधी में उड़ जाएगी. बीजेपी को इतनी कम सीटें मिलने का अनुमान है कि वह तिहाई अंक में भी सीटें हासिल नहीं कर पाएगी.
एबीपी न्यूज़-लोकनीति-सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापसी कर सकती है. एग्जिट पोल के मुताबिक 230 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 122 से 130 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है, जो बहुमत के जादुई आंकड़े 116 से (6 से 14 सीटें) ज्यादा हैं. बीजेपी की बुरी तरह हार होती दिख रही है. सूबे में बीजेपी महज़ 91 से 97 सीटों पर सिमट जाएगी. इस तरह एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस के औसत 126 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि बीजेपी 94 सीटों पर सिमट जाएगी. अन्य के खाते में 7 से 13 सीटें जा सकती है. यानि औसत 10 सीटें मिलने का अनुमान है.
2013 के नतीजों से तुलना
अगर एग्जित पोल के मौजूदा नतीजों से पिछले चुनाव नतीजों की तुलना करे हैं तो बीजेपी को भारी नुकसान का अनुमान है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटें मिली थीं, जबकि इस बार सिर्फ 94 सीटें आ रही हैं. इसका मतलब हुआ कि बीजेपी को 71 सीटों का भारी भरकम नुकसान होता दिख रहा है.
जबकि कांग्रेस को जबरदस्त फायदा होता दिख रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी महज़ 58 सीटें ही जीत पाई थी, लेकिन इस बार जोरदार वापसी करती दिख रही है. कांग्रेस को 126 सीटें मिलने का अनुमान है यानि 68 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. इस बार अन्य के खाते में 10 सीटें जा रही है यानि पिछले चुनाव के मुकाबले तीन ज्यादा सीटें जा रही हैं. पिछले चुनाव में अन्य के खाते में 7 सीटें गई थीं.
वोट प्रतिशत
एबीपी न्यूज़-लोकनीति-सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुताबिक वोटों के मामले में बीजेपी को लेकर जनता में खासा रोष दिख रहा है. कांग्रेस के वोट में भारी बढ़ोतरी होती दिख रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को 7 फीसदी वोटों की बढ़ोतरी मिल सकती है, जबकि बीजेपी के वोटों में 5 फीसदी की कमी दिखाई पड़ रही है.
कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिलने के अनुमान हैं तो बीजेपी को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं. बीएसपी भी 5 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब हो सकती है, लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले उसे एक फीसदी वोट का नुकसान हो सकता है.
अन्य के खाते में 12 फीसदी वोट जा सकते हैं. अन्य को भी एक फीसदी वोट का घाटा हो सकता है. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 45 फीसदी, कांग्रेस को 36 फीसदी वोट मिले थे यानि दोनों पार्टियों के वोट शेयर का अंतर 9 फीसदी था, जो इस बार सिर्फ तीन फीसदी रह सकता है, लेकिन बीजेपी भारी सीटों से सत्ता गंवा बैठेगी.
क्षेत्रवार सीटें
मालवा उत्तर इलाके को छोड़कर पूरे मध्य प्रदेश में बीजेपी को हालत खराब दिख रही है. चंबल, विंध्य प्रदेश, महाकोशाल और मालवा ट्राइबल में काग्रेस का बोलबाला दिख रहा है. इन सभी इलाकों में बीजेपी पर कांग्रेस भारी पड़ती दिख रही है.
चंबल- 34 सीटें
चंबल की 34 सीटों में से कांग्रेस 19 से 23 यानी 21 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि बीजेपी 8 से 12 यानी 10 सीटों पर सिमट सकती है. अन्य के खाते में 2 से 4 यानी 3 सीटें जा सकती हैं.
विंध्य प्रदेश- 56 सीटें
विन्धय प्रदेश में कांग्रेस की बल्ले बल्ले दिख रही है. यहां की 56 सीटों में कांग्रेस 30 से 36 यानी 33 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. बीजेपी यहां भी कांग्रेस को बराबरी की टक्कर नहीं दे पा रही है और 17 से 23 सीटें यानी 20 सीटें ही जीत सकती है. अन्य के खाते में 2 से 4 यानी 3 सीटें जा सकती हैं.
महाकोशाल- 49
महाकोशाल में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर है, लेकिन यहां भी कांग्रेस बीजेपी को पछाड़ने में कामयाब होती दिख रही है. कांग्रेस 23 से 29 यानी 26 सीटें जीत सकती है, जबकि बीजेपी 19 से 23 यानी 21 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. अन्य के खाते में 1 से 3 यानी दो सीटें जाने का अनुमान है.
मालवा नॉर्थ- 63
यही वह इलाका है जो बीजेपी की लाज बचाती दिख रही है. इस इलाके में सत्ताधारी बीजेपी, कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है. यहां बीजेपी के 30 से 36 यानि 33 सीटों पर जीतने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस यहां बीजेपी से पिछड़ रही है. यहां कांग्रेस 26 से 32 यानी 29 सीटें जीत सकती है. अन्य 0 से 2 सीटें यानी एक सीट जीत सकती है.
मालवा ट्राइबल- 28
इस इलाके में भी कांग्रेस पार्टी बाज़ी मारती दिख रही है. यहां कांग्रेस 15 से 19 यानी 17 सीटें जीत सकती है. वहीं बीजेपी 8 से 12 यानी 10 सीटें ही जीत सकती है. अन्य 0 से 2 सीटें यानि एक सीट जीत सकती है.
एग्जिट पोल की बड़ी बातें:-
1. जनता के बीच कांग्रेस ज्यादा पसंदीदा पार्टी के तौर पर उभरी. 43 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं.
2. बीजेपी को पसंद करने वाले कम हैं, इसलिए उन्हें 40 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.
3. कांग्रेस मालवा नॉर्थ को छोड़कर सभी इलाकों में जीत दर्ज कर रही है. बीजेपी 6 से 5 इलाकों में बड़ी जीत दर्ज करती दिख रही है.
4. एक चौथाई मतदाता का मानना है कि उन्होंने कैंपेन शुरू होने से पहले ही अपना मन बना लिया था कि किसे वोट करना है. करीब 20 फीसदी जनता ने कैंडिडेट उतारे जाने के बाद किसे वोट देना इसका मन बनाया.
5. विकास, भ्रष्टाचार, गरीबी अहम मुद्दे रहे.
6. जनता के लिए वोट देने का आधार कैंडिडेट से ज्यादा अहम पार्टी थी.
7. बतौर सीएम शिवराज सिंह चौहान जनता की पहली पसंद बने हुए हैं. 5 से 2 लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया.
8. कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह (सब मिलकर) आधे वोटर की पसंद रहे. कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली पसंद रहे.
9. निजी तौर पर लोगों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा पसंद किए गए.
10. जनता की पसंद में राष्ट्रीय नेता नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अमित शाह के बजाए स्थानी नेता ज्यादा अहम थे.
11. सर्वे में पाया गया कि सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बहुत अधिक थी.
12. सरकार से जनता की संतुष्टी काफी कम थी.
13. जनता के बीत मोदी सरकार को लेकर भी संतुष्टि कम थी.
कैसे हुआ सर्वे
मध्य प्रदेश में ये सर्वे वोटिंग के बाद 29 नवबंर से 4 दिसंबर के बीच हुआ. इस सर्वे में 5818 वोटरों को शामिल किया गया.