भोपाल: मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए गुमान सिंह डामोर, विधायक पद से अपना इस्तीफा देगें. दरअसल, बीजेपी ने झाबुआ के विधायक डामोर को रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया था और डामोर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को पराजित कर सांसद चुने गये हैं. लोकसभा चुनाव से पहले डामोर नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा सीट से कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को पराजित कर विधायक बने थे.


मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि डामोर विधायक पद से इस्तीफा देगें और वह लोकसभा सांसद बने रहेगें. उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कहा, ''बीजेपी की प्रदेश इकाई ने फैसला किया है कि डामोर सांसद बने रहेगें और विधायक के पद इस्तीफा देगें.''


एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा, ''कमलनाथ सरकार को गिराने की हमारी कोई मंशा नहीं है. यह अपने अंतरर्विरोध से स्वयं ही गिर जायेगी.'' राज्य के पीएचई विभाग के मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए डामोर के विधायक से त्यागपत्र के बाद विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 रह जायेगी. नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस मध्य प्रदेश में 114 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़े दल के रुप में सामने आई थी लेकिन साधारण बहुमत 116 से वह दो सीटें दूर थी. इसके बाद कांग्रेस ने बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से प्रदेश में सरकार बनाई. मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं.


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