कांग्रेस में शामिल होने के बाद मसानी ने कहा, ''मध्य प्रदेश को शिवराज सिंह चौहान की जरूरत नहीं है, बल्कि कमलनाथ की है. हम जानते हैं कि छिंदवाड़ा का विकास कैसे हुआ और इसकी पहचान कमलनाथ के साथ जुड़ी है. राज्य की पहचान भी उनके साथ जोड़ने की जरूरत है.'' बता दें कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ सासंद हैं.
'नामदारों' की कीमत पर 'कामदारों' को नजरअंदाज करने को लेकर बीजेपी पर बरसते हुए मसानी ने कहा कि उन्हें चौहान के परिवार के सदस्य के तौर पर पेश नहीं करना चाहिए, बल्कि सिर्फ उनका एक रिश्तेदार के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा, ''मेरा नाम संजय सिंह मसानी हैं. मेरी वंशावली और गोत्र दोनों अलग है.''
शिवराज पर बरसे कमलानाथ
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि समाज के सभी तबके शिवराज सिंह चौहान के कुशासन से प्रभावित हुए हैं. मसानी का कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय यह दिखाता है कि राज्य में विकास के नए दौर को शुरू करने के लिए लोग तैयार हैं.
राज्य की सत्ता पर बीजेपी साल 2003 से काबिज है. जबकि 2005 से शिवराज सिंह चौहान सूबे के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. इससे पहले राज्य में बाबूलाल गौड़ मुख्यमंत्री थे. बता दें कि राज्य में 230 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान होने हैं. जबकि वोटों की काउंटिंग 11 दिसंबर को होगी.
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