प्रयागराज: रेप के आरोपों में घिरे शनिधाम आश्रम के प्रमुख और महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर दाती महाराज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले से ठीक पहले महानिर्वाणी अखाड़े ने दाती महाराज को दी गई महामंडलेश्वर की पदवी वापस लेते हुए उन्हें अखाड़े से निलंबित कर दिया है. इतना ही नहीं महानिर्वाणी अखाड़े ने दाती महाराज के एक संत के तौर पर कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी भी लगा दी है.


अखाड़े का कहना है कि दाती महाराज मेले में आने वाली करोड़ों की भीड़ में एक आम श्रद्धालु के तौर पर तो कुंभ में आ सकते हैं, लेकिन अखाड़े के महामंडलेश्वर या संत के रूप में वह न तो मेला क्षेत्र में सकते हैं और न ही सरकार व कुंभ प्रशासन से कोई सुविधा ले सकते हैं.


महानिर्वाणी अखाड़े ने दाती महाराज की महामंडलेश्वर की पदवी वापस लेने, उन्हें अखाड़े से निलंबित करने और संत के तौर पर मेले में प्रवेश पर पाबंदी लगाने के अपने फैसले से योगी सरकार व कुंभ मेला प्रशासन को भी बता दिया है. दाती महाराज के खिलाफ यह कडा फैसला महानिर्वाणी अखाड़े की हाई लेवल बैठक में लिया गया है.


इस बारे में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रामसेवक गिरि का कहना है कि रेप जैसे घिनौने और गंभीर आरोप में घिरने और केस दर्ज होने की वजह से दाती महाराज के खिलाफ यह फैसला लिया गया है. उनके मुताबिक़ दाती महाराज को अभी अखाड़े से बर्खास्त नहीं किया गया है, लेकिन अखाड़े में दोबारा जुड़ने के लिए उन्हें अदालत से खुद को बेगुनाह साबित करना ही होगा.


अगर वह अदालत से बरी हो जाते हैं तो अखाड़े में उनकी बहाली को लेकर विचार किया जाएगा. बहरहाल महानिर्वाणी अखाड़े के इस कड़े फैसले ने दाती महाराज की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. अखाड़ा परिषद ने केस दर्ज होने के बाद दाती महाराज का बचाव किया था, लेकिन कुंभ के आयोजन से पहले अपने ही अखाड़े के फैसले से उन्हें बड़ा झटका लगा है.