मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता पर रेप का आरोप लगा है. बीजेपी की ही एक महिला पार्षद ने पूर्व विधायक पर ये आरोप लगाया है. मीरा रोड पुलिस ने नरेंद्र मेहता के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया है. वहीं पूर्व विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
पार्षद ने नरेंद्र मेहता पर महिलाओं का शोषण और उनपर अत्याचार का गंभीर आरोप लगाया है. पार्षद ने इसको लेकर एक वीडियो भी बनाया जिससे ये मामला और तूल पकड़ने लगा. महिला पार्षद ने नरेंद्र मेहता पर किया गया एक स्टिंग ऑपरेशन भी वायरल किया. पार्षद ने अपने वीडियो में कहा, "मुझे और मेरे बेटे को नरेंद्र मेहता से खतरा है. मेहता के खिलाफ अब मेरी कानूनी लड़ाई शुरु हो गई है. मुझे उम्मीद है कि मेहता जिन महिलाओं का शोषण किया है उन्हें मेरे इस कदम से हिम्मत मिलेगी."
महिला का आरोप है कि नरेंद्र मेहता ने अपने पद और ताकत का इस्तेमाल कर कई महिलाओं पर अत्याचार किया है. हर पीड़ित महिला आरोपी के खिलाफ शिकायत करने से डरती है. वो भी इतने साल इसी डर के चलते चुप रही लेकिन आखिरकार अपने हक की लड़ाई लेने का निर्णय लिया. उनके मुताबिक उन्हें बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस के पास जाकर मदद की गुहार लगाई लेकिन पुलिस से भी मदद नहीं मिली. इसलिए उन्होंने अब सोशल मीडिया के सहारे अपनी लड़ाई शुरु की है. वहीं यह मुद्दा विधानसभा में भी चर्चा का विषय बना और इसपर महिला विधायकों ने नरेंद्र मेहता के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज कर करवाई करने की मांग की.
बीजेपी के पूर्व विधायक पर आरोप लगने के बाद बीजेपी के विरोधियों ने पार्टी को घेरना शुरु कर दिया है. शिवसेना की महिला विधायक मनीषा कायंदे ने नरेंद्र मेहता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. मनीषा कायंदे ने कहा, "नरेंद्र मेहता के खिलाफ कार्रवाई कर उनको मिलने वाली पेंशन जैसी सभी सरकारी सुविधा बंद करनी चाहिए. साथ ही जिन पुलिसकर्मियों ने मामला दर्ज नहीं किया उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए."
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, "ये मामला सदन में उठाया गया. इस मामले की जांच की जाएगी. पीड़ित महिला का बयान दर्ज किया गया है और उचित कार्रवाई जरुर होगी." वहीं मामला बढ़ता देख नरेंद्र मेहता ने पार्टी के अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. मेहता ने कहा, "मैंने राजनीतिक संन्यास लिया है लेकिन मैं अपना सामाजिक कार्य करता रहूंगा." वहीं बीजेपी के नेताओं ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है.
ये भी पढ़ें
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा एलान- शिक्षा और रोजगार में मुसलमानों को मिलेगा आरक्षण
दिल्ली हिंसा: नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को हाई कोर्ट का नोटिस