मुंबई: कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन 4 के स्वरूप पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के अलावा जयंत पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे और आदित्य ठाकरे के साथ-साथ कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को किस तरह से गति देनी है, इसपर चर्चा हुई. पिछले 55 दिन से शुरू हुए इस लॉकडाउन का इस बैठक में जायजा लिया गया. राज्य की आरोग्य स्तिथि और किस तरह से मेडिकल की यंत्रणा इसे लेकर मुकाबला कर रही है, राज्य की कानून व्यवस्था, मजदूरों को उनके राज्य ले जाने और यहां लाने को लेकर चर्चा हुई. इस पूरे मामले में क्या उपाय और योजना बनाई जाए, इसे लेकर चर्चा हुई.
आने वाले समय में लॉकडाउन की चुनौतियों और अर्थव्यवस्था को गति देने को लेकर बैठक में कई सुझाव रखे गए. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज एक बैठक में राज्य में कुछ स्थानों पर लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति और इसके अगले चरण की योजना और वित्तीय लेन देन शुरू करने को लेकर चर्चा की. लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है और अगला निर्णय यह देखने के बाद लिया जाएगा कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के चौथे चरण का फैसला कैसे करती है. हालांकि बैठक में उन महत्वपूर्ण सुझावों की भी समीक्षा की गई, जो राज्य को करना है.
अन्य राज्यों के मजदूरों को उनके राज्य में भेजने की व्यवस्था और इसमें शामिल कठिनाइयों के अलावा 20 अप्रैल के बाद, उद्योगों और व्यवसायों को कुछ छूट के साथ राज्य में ग्रीन और ऑरेंज जोन में शुरू किया गया था. 65,000 उद्योग शुरू करने के लिए स्वीकृति दी गई है. 35,000 उद्योग शुरू किए गए हैं और 9 लाख श्रमिकों की भर्ती की गई है.
उद्धव ठाकरे ने बैठक में बताया कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य राज्यों से श्रमिकों को भेजने के लिए काम चल रहा है. रेलवे ने श्रमिकों को दूसरे राज्यों में भेजना शुरू कर दिया है. यह भी बताया गया कि अन्य राज्यों के श्रमिकों और कामगारों की वापसी के कारण उद्योगों को श्रम प्रदान करने के लिए एक वर्कर ब्यूरो की स्थापना की गई है. स्वास्थ्य प्रणाली की समीक्षा, चिकित्सा उपकरणों की आवश्यकता के साथ-साथ खाली पड़ी जगहों को भरने पर भी चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री ने मार्च के पहले सप्ताह से राज्य सरकार द्वारा उठाए गए तीव्र कदमों और इसके सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि आगे की योजना सीमित तरीके से और जिलों की सीमाओं को खोले बिना, उचित देखभाल के साथ करना होगा. संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि हम डॉक्टरों की टास्क फोर्स की मदद ले रहे हैं.
लॉकडाउन ने राज्य में चीनी उद्योग के लिए एक चुनौती पेश की है. शरद पवार ने यह भी बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे रास्ता निकालने का अनुरोध किया है. राज्य में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैकेज को कैसे लागू किया जाए और एक तरफ तालाबंदी के चौथे चरण में चिकित्सा संकट को कैसे रोका जाए और दूसरी तरफ आर्थिक मोर्चे पर कैसे मजबूती से खड़ा किया जाए, इस पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई.
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