औरंगाबाद: बजाज ऑटो के औरंगाबाद प्लांट की यूनियन ने दावा किया है कि प्लांट के 403 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं. अब यूनियन ने मांग की है कि प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद किया जाए. ये जानकारी एबीपी न्यूज़ को यूनियन की ओर से दी गई.


बजाज ऑटो वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष थेंगडे बाजीराव ने कहा, "हमने कंपनी को कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए 10 से 15 दिनों के लिए संयंत्र बंद करने के लिए कहा है, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि इससे कोई फायदा नहीं होगा और काम पूरा होने के बाद लोग सार्वजनिक कार्यों के लिए एक साथ आएंगे."


देश में कोरोना के मद्देनज़र मार्च में लॉकडाउन का एलान हुआ था. लेकिन इस वक्त कोरोना के मामलों में तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है. हालांकि, अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए कई प्रतिबंधों में ढील दी गई है. लेकिन ऐसी स्थिति में कई कंपनियों के सामने कठिन परिस्थितियों में काम शुरू करने की चुनौती होती है.


पश्चिमी महाराष्ट्र में बजाज ऑटो फैक्ट्री के क्षेत्र में कोरोना मरीज़ों की संख्या सबसे ज्यादा है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि जो कर्मचारी काम पर नहीं आएंगे, उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा. बाजीराव ने कहा, "कर्मचारी काम पर आने से डरते हैं. कुछ लोग छुट्टी पर हैं."


26 जून को कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कारखाने में 8000 कर्मचारियों में से 140 ने कोरोना वायरस होने की बात कही है और दो की मृत्यु हो गई है. कंपनी का कहना है कि वह काम करना बंद नहीं कर सकती, कर्मचारियों को वायरस के साथ रहना सीखना चाहिए. औरंगाबाद के वालुज प्लांट के एक अधिकारी ने बताया है कि अब कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़कर 403 हो गई है. हालांकि बजाज ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.


वालुज संयंत्र हर साल 30 लाख 30 हजार मोटर बाइक और अन्य वाहनों का उत्पादन करता है. बजाज श्रमिकों के लिए सभी सुरक्षा नियमों का पालन कर रहा है. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है. असेंबली लाइन पर कई लोग एक ही इंजन को छूते हैं.