मेरठ: आज महाशिवरात्रि है. पूरे देश के साथ मेरठ भी भोलेनाथ शिव की महिमा और भक्ति के रंग में डूबा हुआ है. 1857 की क्रांति से जुड़े बाबा औघड़नाथ मंदिर में बीती रात से ही कावड़िये लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी के इंतजार में हैं. सुबह 4 बजे से शिव का जलाभिषेक किया जा रहा है.


मेरठ छावनी इलाके के बाबा औघड़नाथ मंदिर में रविवार शाम से ही हरिद्वार और गंगोत्री से जल लेकर आने वाले कांवरियों की कतारें लगना शुरू हो गई. प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक एक लाख से अधिक कांवड़िए आज भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. सुबह 4 बजे से बम-बम भोले के उद्घोष के साथ भक्तों ने बाबा औघड़नाथ का दर्शन करना शुरू किया और गंगाजल भी अर्पण किया.


छावनी क्षेत्र में स्थित होने के कारण बाबा औघड़नाथ मंदिर पर पुलिस और सेना का कड़ा पहरा है. कावड़ियों और शिव भक्तों की सुरक्षा के लिए मंदिर के आसपास के इलाकों में सेना के जवान संगीनों के साथ तैनात किए गए हैं. सदर इलाके की पुलिस के अलावा कई थानों के थानेदार और उनके साथ पुलिस टीमें मंदिर की सुरक्षा में लगाई गई है. मंदिर के पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कावड़ियों ने हाजिरी का जल चढ़ाया है. सुबह 11 बजे के बाद कांवड़ियो की संख्या और बढ़ेगी.


स्वतंत्रता क्रांति की धरा रहा है बाबा औघड़नाथ मंदिर


बाबा औघड़नाथ को औघड़दानी भी कहा जाता है. मेरठ का यह मंदिर स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति का उद्गम स्थल है. सेना क्षेत्र में उस जमाने में काली पलटन यानी भारतीय सैनिक रहा करते थे. देश में जब अंग्रेजों की हुकूमत और उनके अत्याचार प्रभावी थे तब इस मंदिर में बैठकर काली पलटन के सैनिकों ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका था. बाबा औघड़नाथ के मंदिर के पास बने कुएं में अंग्रेज अफसरों ने कई भारतीय सैनिकों को जिंदा गिरा दिया और उनके ऊपर गोलियां चला दी.


औधड़दानी के दर्शन के बाद सेनानियों को नमन करने की परंपरा-


मंदिर परिसर में बने उस कुंए को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारक में तब्दील कर दिया गया है. स्मारक पर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने दूर-दूर से लोग आते हैं. बाबा औघड़दानी के दर्शन और जलाभिषेक के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इस स्मारक के सामने भी शीश झुकाने की परंपरा है. 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मंदिर में आकर पूजन किया था और आजादी के दीवानों को याद किया था.