इलाहाबाद: भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि आज संगम नगरी इलाहाबाद में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है. इस मौके पर जहाँ शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी उमड़ी हुई है वहीं गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ा हुआ है.


प्रदोष के साथ पड़ने वाली महाशिवरात्रि खासी फलदायक


महाशिवरात्रि के पर्व के साथ ही संगम की रेती पर जनवरी महीने से लगे माघ मेले का आज औपचारिक तौर पर समापन भी हो जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन ही प्रदोष भी पड़ने से इस पर्व का महत्व कई गुना बढ़ गया है. धर्म और ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक़ प्रदोष के साथ पड़ने वाली महाशिवरात्रि खासी फलदायक होती है.


इस मौके पर भोले भंडारी के भक्त सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही शिवालयों में पहुंचकर जलाभिषेक कर बेल की पत्तियाँ और दूध चढ़कर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं. इसके अलावा आज शहर में कई जगहों पर शिव बारात और भगवान शिव की शोभा यात्रा भी निकाली जा रही है.


संगम तट पर आस्था की डुबकी


संगम नगरी इलाहाबाद में भगवान शिव मनकामेश्वर, सोमेश्वर, तक्ष्केश्वर और दशाश्वमेध रूपों में विद्यमान हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सृष्टि की रचना के लिए किये गए दशाश्वमेध यज्ञ से पहले ब्रह्मा जी ने खुद अपने ही हाथों भगवान शिव के प्रतीक को गंगा के तट पर स्थापित कर खुद उनकी पूजा की थी. महाशिवरात्रि पर माघ मेले के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुँच रहे हैं.