लखनऊ: यूपी में बीजेपी में बड़ा फेर बदल हुआ है. आरएसएस कोटे से पार्टी में काम करने वाले कई नेताओं पर गाज गिरी है.एक साथ तीन क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है. इनकी जगह नए लोगों को ज़िम्मेदारी दी गई है. कानपुर, गोरखपुर और अवध क्षेत्र के संगठन मंत्रियों को हटा दिया गया है. अब ये तय हुआ है कि सिर्फ़ अविवाहित नेताओं को ही इस पद पर रखा जाएगा. सूरजकुंड में संघ और बीजेपी की बैठक के बाद ये बड़ा फ़ैसला हुआ है. इस मीटिंग में यूपी को लेकर अलग से चर्चा हुई. संकेत मिल रहे हैं कि सरकार से लेकर संगठन तक जल्द ही कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है. लोकसभा के तीन उपचुनाव में हार और बीएसपी-एसपी गठबंधन ने बीजेपी नेताओं की घंटी बजा दी है.
पार्टी का सबसे ताक़तवर नेता माना जाता है संगठन मंत्री
राज्यों में बीजेपी के संगठन मंत्री को पार्टी का सबसे ताक़तवर नेता माना जाता है. चुनावों में टिकट बांटने से लेकर संगठन में नेताओं को ज़िम्मेदारी देने तक सारे बड़े फ़ैसलों में उनका रोल रहता है.लेकिन संगठन मंत्री मीडिया के सामने नहीं आते हैं. वे पर्दे के पीछे से ही सारा काम करते हैं. पिछले लोकसभा चुनावों से ही सुनील बंसल यूपी में बीजेपी के संगठन मंत्री है. क्षेत्रीय स्तर पर भी बीजेपी में संगठन मंत्री बनाए जाते हैं. अपने-अपने इलाक़ों में ये सांसद और विधायक से भी ताक़तवर नेता माने जाते हैं. इन्हें डेपुटे़शन पर आरएसएस से पार्टी में भेजा जाता है.
यूपी में बीजेपी को 8 क्षेत्रों में बांटा गया है
संगठन के लिहाज़ से यूपी में बीजेपी को 8 क्षेत्रों में बांटा गया है. गोरखपुर, काशी, अवध, कानपुर ब्रज और पश्चिम. गोरखपुर से शिव कुमार पाठक को हटा कर रत्नाकर को वहां का संगठन मंत्री बनाया गया है. वे अब तक काशी क्षेत्र का काम देख रहे थे. लेकिन अब रत्नाकर गोरखपुर के साथ साथ काशी की भी ज़िम्मेदारी संभालेंगे. गोरखपुर में लोकसभा उपचुनाव हारने के कारण पाठक पर गाज गिरी है .ब्रज बहादुर की जगह प्रद्युमन अवध के संगठन मंत्री हो गए हैं.
तीन महीने पहले ही वरिष्ठ प्रचारक शिव नारायण को हटा कर ब्रज बहादुर को अवध की ज़िम्मेदारी दी गई थी. भवानी सिंह अब ब्रज क्षेत्र के साथ साथ कानपुर-बुंदेलखंड के भी संगठन मंत्री बना दिए गए हैं. पहले ये ज़िम्मेदारी ओमप्रकाश के पास थी. हटाए गए तीनों प्रचारकों ब्रज बहादुर, शिव कुमार पाठक और ओम प्रकाश को अभी वेटिंग में रखा गया है. यानी अभी इन्हें कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी गई है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही योगी मंत्रिमंडल में भी फेर बदल हो सकते हैं.