ममता ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए लिखा पत्र, कहा- कामकाज में लगातार कर रहे हैं हस्तक्षेप
ममता ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह राज्य प्रशासन के कामकाज में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं. इस दौरान राज्यपाल ने भी अपने एक ट्वीट में उन्होंने ममता के पत्र को संवैधानिक रूप से कमज़ोर और तथ्यों की ग़लती से भरपूर बताया है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच कई दिनों से कोरोना को लेकर विवाद चल रहा था. लेकिन गुरूवार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सात पेज का एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने राज्यपाल की कड़ी निंदा की. ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनसे कहा कि वह फैसला करें कि संवैधानिक धर्म की सीमा रेखा किसने लांघी है.
राज्यपाल को सात पन्ने के कड़े शब्दों में लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि धनखड़ भूल गए हैं कि मैं,‘‘एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं’’ जबकि वह नियुक्त किए गए हैं.
बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘‘यह आपको फैसला करना है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है और संवैधानिक पदाधिकारियों में किसने मर्यादा के मूल नियमों को लांघा है.’’ बता दें कि इससे पहले राज्यपाल लगातार ट्वीट के ज़रिए ममता बनर्जी, उनके मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों पर हमले कर रहे थे.
ममता के पत्र के बाद राज्यपाल ने कहा है कि उन्हें जवाब भेज दिया गया है. अपने एक ट्वीट में उन्होंने ममता के पत्र को संवैधानिक रूप से कमज़ोर और तथ्यों की ग़लती से भरपूर बताया है. वहीं उन्होंने कहा कि कल सुबह 11 बजे सबकुछ फाइनल हो जाएगा और बंगाल की जनता को ये पता चल जाएगा कि असली तस्वीर क्या है.
बता दें कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने को लेकर पश्चिम बंगाल में आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ के नियमों का पालन नहीं किये जाने के आरोप वाली एक जनहित याचिका के सिलसिले में आज कलकत्ता हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. हालांकि इस दौरान राज्य सरकार के अनुरोध पर बेंच ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई 28 अप्रैल तक स्थगित कर दी.