नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा में एनआरसी पर बोलते हुए दावा किया कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस मुद्दे पर बात की है. ममता ने कहा कि नीतीश कुमार ने भी कहा है कि वो नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को स्वीकार नहीं करेंगे. बता दें कि इससे पहले जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा था कि बिहार में एनआरसी की कोई जरुरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि क्योंकि लिस्ट में कई लोगों के नाम नहीं है, इसलिए इस प्रक्रिया के लिए और वक्त दिया जाना चाहिए.
ममता ने इसके साथ ही कहा कि लोकतंत्र के सभी स्तंभ मीडिया और न्यायपालिका सभी केंद्रीय सलाहकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं. मूल भारतीयों के नामों को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया है. उन्होंने आगे कहा, ''मैं मनमोहन सिंह के शब्दों को दोहराऊंगी कि राजनीतिक प्रतिशोध से ज्यादा अर्थव्यवस्था पर अधिक ध्यान केंद्रित करें.''
गौरतलब है कि 31 अगस्त को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई. एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों का नाम नहीं आया. जिनका नाम अंतिम सूचि में नहीं आया उनका क्या होगा इसी को लेकर राजनीतिक दलों में संग्राम जारी है.
दरअसल बिहार में भी NRC की मांग उठने लगी है. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वहां भी NRC को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है. बीजेपी के कई नेताओं का कहना है कि राज्य में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं. बीजेपी के सीनियर लीडर और बिहार सरकार के मंत्री विनोद सिंह ने हाल ही में कहा था,'' सरकार को बिहार में भी NRC लिस्ट जारी करने के बारे में सोचना चाहिए ताकि सीमांचल क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा सके.'' वहीं बीजेपी नेता विनोद सिंह के अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा भी बिहार के सीमांचल में NRC की मांग कर चुके है