पटना: फेसबुक पर पोस्ट लिखकर बिहार के पूर्व डीजीपी को कथित तौर पर बदनाम करने के मामले में यहां एक व्यक्ति को जमानत मिल गई है. 28 वर्षीय जितेन्द्र कुमार इस मामले में करीब तीन महीनों से जेल में बंद था. अब उन्हें जमानत मिल गई है.


युवक को जमानत मिलने की खबरों के बारे में जानकारी उसके वकीलों ने रविवार को दी. उसके वकील मनीष शंकर ने बताया कि 11 जुलाई को गिरफ्तार किये गये जितेन्द्र कुमार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुमारी विजया ने शुक्रवार को जमानत दी.


वकील मनीष शंकर ने बताया कि मेरे मुवक्किल का नाम मामले के मुख्य आरोपी आदित्य कुमार ने लिया था. आदित्य के खिलाफ शहर के कोतवाली पुलिस थाना में एक एफआईआर दर्ज किया गया था और उस पर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अभयानंद के फेसबुक पेज पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डालने का आरोप है.


वकील ने कहा कि दुर्भाग्यवश आदित्य द्वारा दिये गये महज एक बयान के आधार पर पुलिस ने जितेन्द्र को पकड़ लिया और उसे जेल भेज दिया गया. गौरतलब है कि जितेंद्र 'सुपर 30' कोचिंग सेंटर के संस्थापक आनंद कुमार का कथित तौर पर मित्र है.


दिलचस्प है कि आनंद और अभ्यानंद ने सुपर 30 के शुरूआती दिनों में साथ में काम किया था लेकिन कुछ विवाद पैदा होने के बाद आगे चल कर दोनों के रास्ते अलग हो गए. अभ्यानंद बिहार कैडर के आईपीएस रहे हैं और उन्हें बच्चों को पढ़ाने में खास दिलचस्पी है. यही कारण है कि अभी सेवा से रिटायर होने के बाद अभ्यानंद छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं.


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