नई दिल्ली: मणिपुर में बीजेपी की बीरेन सिंह सरकार संकट में आ गई है. यहां एनडीए के गठबंधन को एनपीपी के चार विधायक, टीएमसी, निर्दलीय सहित दो विधायक और NPF के चार विधायक समर्थन दे रहे थे. इस तरह मणिपुर में बीजेपी को 32 विधायकों का समर्थन हासिल था, राज्यसभा चुनाव के चलते गठबंधन और पार्टी के भीतर मतभेद उभरे. इसके बाद एनपीपी के 4 विधायकों और टीएमसी सहित निर्दलीय 2 विधायकों ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया. इसके अतिरिक्त बीजेपी के 3 विधायकों ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया. बीजेपी की सरकार अब अल्पमत में आ गई है. अब बीजेपी के पास सिर्फ 23 विधायकों का समर्थन रह गया है, जिसमें 18 बीजेपी, 1 एलजेपी और 4 एनपीएफ के विधायक हैं.


कांग्रेस के 28 विधायक जीते थे, जिसमें टीएच श्यामकुमार की सदस्यता खारिज हो चुकी है. 7 और विधायकों की सदस्यता पर सुनवाई स्पीकर के पास लंबित है. ये आठ विधायक सरकार बनवाने के लिए कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे. हाईकोर्ट ने इन सात विधायकों के राज्यसभा चुनाव में वोट देने और विधानसभा में उन्हें घुसने देने पर रोक लगा रखी है, लेकिन विधानसभा बहुमत परीक्षण में हिस्सा लेने पर स्पीकर को फैसला लेना होगा.


कांग्रेस के नेता इबोबी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार बनाने का दावा पेश किया है. कांग्रेस के पास फिलहाल 20 विधायक हैं, उसे एनपीपी के चार और टीएमसी सहित एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन मिल सकता है. इस तरह कांग्रेस के पास 26 विधायकों का समर्थन हासिल हो सकता है.

अगर बीजेपी के तीन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होता है, तो सदन की संख्या होगी 56. बहुमत के लिए जरूरी होंगे 29. अगर सात कांग्रेस के बागी उम्मीदवार बीजेपी सरकार को वोट दें तो बीजेपी का नंबर होगा 30.


अगर इन सात विधायकों की सदस्यता खारिज हो जाती है, बहुमत परीक्षण से पहले तो सदन में कुल विधायक होंगे 49, बहुमत का आंकड़ा होगा 25 और कांग्रेस के पास हो सकते हैं 26 विधायक.


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