लखनऊ: योगी राज में बीजेपी के नेता अफसरों से नाराज चल रहे हैं. लखनऊ से लेकर हर जिले में पार्टी नेताओं की यही शिकायत है. अफसरों का कामकाज न तो सांसदों को, न ही विधायकों को भा रहा है. लेकिन अब तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का भी ग़ुस्सा सातवें आसमान पर है. अधिकारियों के कामकाज से नाराज मौर्य कुछ देर पहले ट्वीट किया है. वे लिखते हैं, “पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने दिन रात मेहनत कर सरकार बनाई है, सत्ता का सुख भोगने के लिए नहीं ईमानदारी के साथ जन सेवा करने के लिए बनाई है. कुछ अधिकारी पद का दुरूपयोग कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसे लोग सुधार लायें.” यूपी सरकार में नंबर दो के मंत्री की ऐसी राय है तो सोचिए बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं की क्या हालत होगी?


कुछ दिनों पहले ही बीजेपी के सांसद छोटेलाल खैरवार ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी. उन्होंने चिट्ठी लिख कर और योगी से मिल कर अपने जिले के डीएम के कामकाज पर एतराज जताया था. बदायूं के चार बीजेपी विधायकों ने भी सीएम को ख़त लिख कर शिकायतें की है. ये हाल कमोबेश यूपी के सभी जिलों का है. हर दिन कहीं न कहीं सीएम ऑफिस से लेकर बीजेपी के बड़े पदाधिकारियों तक ये बातें पहुंच रही हैं. पार्टी के नेता तो अब मंच से खुल कर अफसरों को भला बुरा कह रहे हैं. कुछ ने तो अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बांदा के विधायक प्रदेश प्रजापति ने तो जल निगम के एक इंजीनियर को नोटों की माला तक पहना दी.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बारे में पता है. पिछले हफ्ते जब वे लखनऊ आए थे तो इस मुद्दे पर बैठक भी हुई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के यूपी अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे और संगठन मंत्री सुनील बंसल भी इस मीटींग में मौजूद थे. इसके बाद राज्य के चीफ़ सेक्रेटरी ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने अफसरों से जन प्रतिनिधियों को उचित सम्मान देने का आदेश दिया.


लोक सभा चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर नहीं हुई तो फिर पार्टी को लेने के देने पड़ सकते हैं. इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य का दौरा शुरू कर दिया है. वे जनता से भी संवाद कर रहे हैं और बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी. लखनऊ में पार्टी ऑफिस में मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं से मिलना बंद कर दिया था. राज्य में सरकार बनने के बाद हर दिन किसी न किसी मंत्री की ड्यूटी लगी रहती थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद ये बंद हो गया. लेकिन अब फिर से 24 अप्रैल से मंत्री पार्टी ऑफिसों में बैठने लगे हैं, कार्यकर्ताओं से मिलने लगे हैं.