लखनऊ: प्राकृतिक आपदाओं ने यूपी को परेशान किया हुआ है. लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों से जान-माल के नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं. इससे पहले भी जब तेज आंधियां आई थीं तब भी यूपी में जान-माल का बहुत नुकसान हुआ था. उस वक्त आगरा समेत पूरे ब्रज के इलाकों में काफी नुकसान हुआ था. सीएम योगी को भी कर्नाटक दौरा छोड़ कर वापस लौटना पड़ा था. अब भी बारिश के कारण यूपी भर से दर्द भरी खबरें सामने आ रही हैं.


- गाजियाबाद के निवाड़ी में एक घर की छत गिरने की खबर है. इस हादसे में 4 बच्चे घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

- बागपत में भारी बारिश के कारण दो अलग अलग जगहों पर मकान ढहने से महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए हैं.

- सहारनपुर में 3 अलग-अलग जगहों पर मकानों के ढह जाने से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

- मेरठ के सरधना इलाके में दो मंजिला मकान गिर गया. हादसे में एक बच्ची और उसकी मां की मौत हो गई. परिवार के तीन लोग घायल भी हैं.

- मुजफ्फरनगर में एक मकान की छत गिरने से 8 लोग दब गए. एक बच्ची की मौत हो गई जबकि सात लोग इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं.



बारिश का दौर जारी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत राज्य के अधिकांश जिलों में पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई जगहों पर रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार, अभी अगले दो दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा.

मौसम विभाग के निदेशक जे.पी गुप्ता के अनुसार, दिन में कई जिलों में तेज बारिश होने की उम्मीद है. बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है. चक्रवाती परिस्थति की वजह से अगले दो तीन दिनों तक मौसम का यही रुख बना रहेगा.

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस जबकि अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. लखनऊ के अतिरिक्त शनिवार को गोरखपुर का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री, कानपुर का 19.5 डिग्री, इलाहाबाद का 22 डिग्री और झांसी का 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.



बचाव कार्य तेज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंधी, तूफान, आकाशीय बिजली और अतिवृष्टि से मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में हुई भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य युद्घस्तर पर संचालित करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.