लखनऊ: एक-एक कर यूपी के राज्यसभा सांसद बीजेपी कैंप में आ रहे हैं. नीरज शेखर और संजय सिंह तो भगवा रंग में रंग गए. अब अखिलेश यादव का साथ छोड कर सुरेंद्र नागर भी उसी राह पर हैं. सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के चार और बीएसपी के एक सांसद भी बीजेपी में जाने की तैयारी में हैं.
सुरेंद्र नागर का राज्यसभा से इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया है. बस अब इंतज़ार है अमित शाह के ग्रीन सिग्नल का. फिर वे भी बीजेपी के नेता हो जायेंगे. नागर को अखिलेश यादव का क़रीबी नेता माना जाता था. बीएसपी से गौतमबुद्धनगर यानि नोएडा के सांसद रहे नागर समाजवादी पार्टी में आ गए थे. बात 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले की है. दो साल पहले वे राज्यसभा के सांसद बनाए गए. पारस नाम से उनका रियल इस्टेट और हॉस्पिटल का कारोबार है. नागर के मित्र और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
एसपी को छोड़कर कई नेता थाम सकते हैं बीजेपी का दामन
बीजेपी में जाने के लिए कई सांसद लाईन में हैं. अगला नंबर ऐसे नेता का है. जिन्हें मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच की कड़ी माना जाता है. समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ का रियल स्टेट का कारोबार है. वे शालीमार ग्रुप के चेयरमैन भी हैं. खबर है कि वो भी अगले दो चार दिनों में राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे देंगे. फिर उनके बीजेपी में शामिल होने का एलान होगा. संजय सेठ पार्टी के कोषाध्यक्ष भी है. मुलायम सिंह के क़रीबी दो बुजुर्ग सांसदों के भी बीजेपी में जाने की चर्चा अंतिम दौर में है.
दोनों ही नेता अखिलेश यादव के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं. अपने-अपने बेटों के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी वे चिंतिंत हैं. रेवती रमण सिंह को इस बार समाजवादी पार्टी ने लोकसभा का टिकट नहीं दिया. इस बात से भी वे दुखी चल रहे हैं. उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह भी विधायक हैं. यही हाल बेनी प्रसाद वर्मा का भी है. उनका राजनीतिक कैरियर अब बस अंतिम पड़ाव पर है. बेनी बाबू अपने बेटे राकेश वर्मा के लिए बीजेपी में कुछ ज़िम्मेदारी चाहते हैं.
बीएसपी में भी हो सकती है बड़ी टूट
समाजवादी पार्टी के ही एक और सांसद चंद्रपाल सिंह यादव का भी अपने घर में मन नहीं लग रहा है. अखिलेश यादव से उनकी बनी नहीं. वे कृभको के चेयरमैन भी हैं. इसीलिए यादव ने भी बीजेपी जाने का मन बना लिया है. राज्यसभा में सुरेंद्र नागर और नीरज शेखर के इस्तीफ़े के बाद अब सिर्फ़ ग्यारह सांसद बचे हैं. जिसमें अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव भी शामिल हैं.
राज्यसभा में बीएसपी के सिर्फ़ चार सांसद हैं. सतीश चंद्र मिश्र, अशोक सिद्धार्थ, वीर सिंह और राजाराम. कभी बीएसपी में मायावती के बाद नंबर दो की हैसियत वाले राजाराम अब हाशिए पर हैं. अगले साल उनका कार्यकाल ख़त्म हो रहा है. उन्हें लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है कि वो पाला बदल कर बीजेपी में जा सकते हैं. लेकिन माना जा रहा है बाक़ी तीनों सांसद हर हाल में मायावती के साथ ही रहेंगे.
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