भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी शिक्षकों में योग्यता का स्तर ऐसा है कि पात्रता परीक्षा में कई शिक्षक दो-दो बार फेल हो गए. अब इस मामले में प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कार्रवाई की है. इसके तहत कई शिक्षकों को तत्काल नौकरी से हटा दिया गया है तो कई शिक्षकों को हाईस्कूल से प्राइमरी स्कूलों में भेजा गया है.



ये है मामला


दरअसल, पिछले कुछ सालों से राज्य के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट लगातार कम आ रहा है. इसके बाद कमजोर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर कुल 5851 शिक्षकों की सरकार ने पात्रता परीक्षा ली. इसका पासिंग परसेंटेज 50 फीसदी रखा गया. इस परीक्षा में 1,351 टीचर फेल हो गए. सरकार ने इन शिक्षकों को दोबारा प्रशिक्षण दिया और फिर दूसरी पात्रता परीक्षा में पासिंग मार्क्स को 50 फीसदी से घटाकर 33 फीसदी कर दिया, लेकिन इसके बावजूद 84 शिक्षक फेल हो गए.


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16 को नौकरी से हटाया गया


अब प्रदेश सरकार ने इन 84 शिक्षकों में से 16 को नौकरी से हटा दिया है. वहीं, 26 शिक्षकों को हाईस्कूल से प्राइमरी स्कूलों में भेज दिया है. 20 शिक्षक ट्राइबल विभाग के थे. उनके संबंधित विभाग को खत लिखकर कार्रवाई की मांग की गई है. बाकी शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.



इसी के साथ पात्रता परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों को फिर से बहाल करने की मांग शिक्षकों के संगठनों ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी से की है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि जो शिक्षक पात्रता परीक्षा में फेल हुए हैं उन्हें नौकरी से ना निकालकर वेतन वृद्धि रौकने जैसी कोई दूसरी सजा दी जानी चाहिए.



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