लखनऊ: भारत- बांग्लादेश बॉर्डर पर 17 अक्टूबर को करवा चौथ वाले दिन विजय भान सिंह नाम के एक जवान शहीद हो गए थे. आज उनके पैतृक गांव फिरोजाबाद के मक्खनपुर थाना क्षेत्र स्थित चमरौली में अंतिम संस्कार के दिन बड़ी प्रशासनिक चूक दिखी.
देश के लिए शहीद होने वाले जवान के अंतिम संस्कार के दौरान रात में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी. बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण मोबाइल फोन की रोशनी में अंतिम संस्कार किया गया. हालांकि, गांव में बिजली की व्यवस्था है लेकिन अंतिम संस्कार स्थल पर लाइट की व्यवस्था नहीं की गई थी.
इससे पहले शहीद के परिवार वाले और ग्रामीण इस बात पर अड़े थे कि जब तक शहीद के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, पेट्रोल पंप आवंटित करने और जवान का स्मारक बनाने की मांग पूरी नहीं होती है तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. मौके पर मौजूद जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शचीन्द्र पटेल ने आला अधिकारियों से बात कर परिजनों की तीनों मांगों को माने जाने का लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद जवान का अंतिम संस्कार किया गया.
गौरतलब है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विवाद सुलझाने गये बीएसएफ के गश्ती दल पर सरहद पार से की गयी गोलीबारी में जवान विजय भान सिंह शहीद हो गये थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद की पत्नी को 20 लाख रुपए और उनकी माता को पांच लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने और शहीद के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.
जवान के साले का कहना है कि प्रशासन की तरफ से इस मसले पर सक्रियता नहीं दिखाई गई. उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था ग्रामीणों ने मिलकर की है. प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया गया. साले का कहना है कि उनकी पीसीएस मुख्य परीक्षा होने वाली थी लेकिन वह इस घटना के कारण परीक्षा में नहीं बैठ सके.
फिरोजाबाद के जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि यूपी सरकार द्वारा घोषित 25 लाख रुपए की राशि शहीद जवान के परिजन के खाते में डाल दी गई है. उन्होंने कहा कि परिजनों की और भी मांगे हैं जिन्हें पूरे करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
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