इलाहाबाद: इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले नये छात्रों के साथ सामूहिक रैगिंग कर उनके सिर के बाल मुंडवाए जाने और शर्ट पर लाल बटन लगवाए जाने के मामले में यूपी की योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है. रैगिंग के शिकार छात्रों द्वारा इस मामले में अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने के बाद योगी सरकार ने तीन सदस्यीय हाई लेवल कमेटी गठित कर दी है.
कमेटी में यूपी के मेडिकल एजूकेशन डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर, कानपुर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल और इलाहाबाद के एडीएम सिटी को शामिल किया गया है. योगी सरकार द्वारा गठित कमेटी शनिवार को दोपहर में जांच के लिए इलाहाबाद पहुंच भी गई है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही दोषी सीनियर छात्रों और मेडिकल कॉलेज के लापरवाह-ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. सरकार की जांच टीम के पहुंचने से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में तीन दिन पहले फर्स्ट इयर के सभी छात्र सिर मुंडवाकर एक साथ क्लास और हॉस्टल में जाते दिखे तो कोहराम मच गया. सभी स्टूडेंट्स की सफ़ेद शर्ट की तीसरी बटन लाल रंग की पाई गई थी. इस बारे में हॉस्टल के वार्डन और दूसरे ज़िम्मेदार लोगों ने पूछताछ की, लेकिन कोई भी छात्र रैगिंग की शिकायत करने को तैयार नहीं हुआ.
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर एक मजिस्ट्रेट भी जांच के लिए मेडिकल कालेज गए और कई घंटे तक पड़ताल की, लेकिन छात्रों ने तब भी शिकायत नहीं की. इसके बाद इलाहाबाद के डीएम सुहास एलवाई ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी. इस रिपोर्ट में उन्होंने लिखा कि किसी भी पीड़ित ने अभी तक शिकायत नहीं की है. इसके अलावा कोई भी छात्र इस बारे में बयान देने को भी तैयार नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सामूहिक तौर पर रैगिंग किये जाने के पर्याप्त आधार हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी सच को सामने लाने के बजाय लीपापोती में जुटा हुआ है.
डीएम की इस रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर उसे जांच के लिए इलाहाबाद भेज दिया है. इस कमेटी को चौबीस घंटे में अपनी शुरुआती रिपोर्ट सरकार को देनी होगी. फर्स्ट इयर के छात्र शनिवार को भी गंजे सिर के बीच ही आते जाते नजर आए. यह अलग बात है कि लाल बटन को छिपाने के लिए अब सभी को एप्रन पहनना और टाई लगाना ज़रूरी कर दिया गया है.