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27 मई को भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी की शाही शादी की गवाह बनेगी मथुरा नगरी
हर साल मथुरा में भगवान की शादी रचाई जाती है. जिसमें लोग जोर-शोर से शामिल होते हैं. कान्हा के जयकारों के साथ बधाईंयां भी गाई जाती हैं.
मथुरा: श्री कृष्ण की नगरी मथुरा 27 मई को द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी के शाही विवाह की साक्षी बनेगी. शाही शादी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. मंदिर प्रशासन से लेकर भक्त तक सभी शादी को लेकर बहुत खुश हैं. शाही शादी में अन्य पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ बारात भी आएगी. आयोजन समिति के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.
लाल कालीन पर चल कर जाएगी बारात
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने कहा , ‘‘ न केवल द्वारकाधीश मंदिर के आसपास के क्षेत्र को शाही परिवार में शादी के दौरान होने वाली सजावट से चमकाया जाएगा बल्कि सौ से अधिक बारातियों की बारात के लिए आधे किलोमीटर तक लाल कालीन भी बिछाई जाएगी. ’’
खास होगी द्वारकाधीश महाराज की शादी
मथुरा और वृंदावन में प्रधान देवता की शादी का आयोजन आम बात है लेकिन द्वारकाधीश महाराज की शादी कई मायनों में भिन्न होगी. बता दें कि हर साल मथुरा में भगवान की शादी रचाई जाती है. जिसमें लोग जोर-शोर से शामिल होते हैं. कान्हा के जयकारों के साथ बधाईंयां भी गाई जाती हैं. लोग एक-दूसरे को तरह-तरह के मीठे पकवान खिलाकर शुभ घड़ी की बंधाई देते हैं.
बेंगलुरु से मंगाए गए हैं फूल
उन्होंने कहा कि स्वामी घाट से द्वारकाधीश मंदिर तक बैंड , शहनाई और धार्मिक गानों के बीच बारात जाएगी और मंदिर को बेंगलुरु से लाए जा रहे फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा.
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हरिशंकर जोशीवरिष्ठ पत्रकार
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