पटनाः 21 फरवरी से शुरू हुई बिहार बोर्ड की मैट्रिक (10वीं) की परीक्षा गुरुवार को समाप्त हो गई. परीक्षा के दौरान कदाचार के आरोप में 162 परीक्षार्थियों को निकाल दिया गया है जबकि 55 ऐसे परीक्षार्थी पकड़े गए जो किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा दे रहे थे.


सबसे ज्यादा परीक्षार्थी गया और मधेपुरा से पकड़े गए हैं. दोनों जिलों से 20-20 परिक्षार्थी कदाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं. वहीं गया और मुंगेर से 7-7 फर्जी परिक्षार्थियों को दूसरे के बदले परीक्षा देते पकड़ा गया है.


इस परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 1,418 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. परीक्षा में 16 लाख 60 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए थे. परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए समिति द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सभी परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी.


कदाचार रोकने को लेकर परीक्षार्थियों के जूता-मोजा पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई थी. केंद्र के भीतर मोबाइल, कैलकुलेटर सहित किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लेकर जाने की मनाही थी.


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