इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवबंद के मौलाना मसूद मदनी की जमानत मंजूर कर ली है. इन पर झाड़फूंक के बहाने रेप करने का आरोप है. यह आदेश न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी ने दिया है. मदनी उत्तराखंड सरकार दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री थे. इनका कहना है कि उन्हें हनी ट्रैप में झूठा फंसाया गया है.


जमात-ए-उलेमा हिन्द के नेता भी हैं मौलाना मसूद मदनी


यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि रेप का आरोप लगाने वाली मोनिका ने फर्जी नाम से पैसे ऐंठने के लिए जाल बिछाया था. हरक सिंह रावत को फंसाने में भी इसी गैंग का हाथ था. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भी हनी ट्रैप में फंसाकर पैसे ऐठने के गिरोह का खुलासा किया है. यही गिरोह लोगों को फंसाकर रूपये ऐंठता है. यूपी सरकार ने भी मौलाना मसूद मदनी को जमानत मिलने का समर्थन किया. मौलाना मसूद जमात ए उलेमा हिन्द के नेता भी हैं.


अपने पति के साथ मदनी के पास मजार पर गई थी मोनिका


इस मामले में कोर्ट में पेश हुए विवेचना अधिकारी ने बताया था कि मोनिका अपने पति के साथ मदनी के पास मजार पर गयी. उसने कहा कि उसे औलाद नहीं है. जिस पर मदनी ने झाड़फूंक की और रात में रेप किया और कहा कि औलाद हो जायेगी. इस आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी.


जमानत पर रिहा करने का आदेश


विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि मोनिका असली नाम नहीं है. जिसे वह पति बता रही वह उसका पति नही है और उसने जिसको अपना पिता बताया वह असली पिता नहीं है. गैंग लीडर नेत्रपाल है, जो जाल बिछाता है और लोगो को फंसा कर रूपये एेंठता है. मदनी की तरफ से कहा गया कि उन्हें फंसाया गया है. कोर्ट ने मौलाना मदनी की अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.