लखनऊ: कांग्रेस द्वारा सपा, बसपा, रालोद गठबंधन के लिये सात सीटें छोडे जाने पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायवाती ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये, वह प्रदेश की पूरी अस्सी सीटों पर लडने के लिये स्वतंत्र है. मायावती के सुर में सुर मिलाते हुये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनका गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है, कांग्रेस किसी तरह का भ्रम न पैदा करे.
गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने प्रदेश की सात सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया था.
बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि बीएसपी एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा किसी भी प्रकार का तालमेल या गठबंधन नहीं है. हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आये दिन फैलाये जा रहे भ्रम में कतई ना आयें.
उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि 'कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहाँ की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े. हमारा गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन हेतु सात सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये.'
मायावती के ट्वीट के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है. कांग्रेस पार्टी किसी तरह का कन्फयूजन न फैलायें.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राजबबर ने रविवार को ऐलान किया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के लिए सात सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. राज बब्बर ने बताया था कि कांग्रेस सात सीटें छोड रही है इनमें मैनपुरी, कन्नौज और फिरोजाबाद शामिल हैं. इसके अलावा पार्टी उन सीटों पर किसी प्रत्याशी को नहीं उतारेगी, जिन पर बसपा सुप्रीमो मायावती, रालोद प्रमुख अजित सिंह और उनके बेटे जयंत के लडने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी सीटें कांग्रेस के लिए छोडी हैं. उसी क्रम में हम गठबंधन के लिए सात सीटें छोड रहे हैं. बब्बर ने बताया कि कांग्रेस ने गोण्डा और पीलीभीत सीटें अपना दल को देना तय किया है. उन्होंने बताया था कि कांग्रेस ने जन अधिकार पार्टी के साथ चुनावी समझौता किया है. पांच सीटों पर जन अधिकारी पार्टी के प्रत्याशी होंगे जबकि दो सीटों पर जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी कांग्रेस के निशान पर चुनाव लडेंगे.
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