लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद मायावती ने अब 'किसी से भी' हाथ मिलाने का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही पार्टी को लेकर भी उन्होंने एक बड़ा फैसला किया है. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को बीएसपी के संगठन में शामिल करने की घोषणा की है.
भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया
उन्हों ने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया. उन्होंने कहा कि आनंद के सामने ये शर्त रखी गई है कि वो कभी भी सांसद, विधायक और सीएम नहीं बनेगा. वो सिर्फ संगठन का काम करेंगे. गौरतलब है कि पार्टी की पूरी कमान प्रत्यक्षतौर पर मायावती अबतक खुद ही संभालते आई हैं.
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'बीजेपी मुझे और मेरे भाई को फंसाने का प्रयास कर रही है'
इस दौरान मायावती ने कहा कि 'बीजेपी मुझे और मेरे भाई को फंसाने का प्रयास कर रही है.' उन्होंने कहा कि बीजेपी को 30 साल से ज्यादा वक्त तक राजनीति करने वाले देशभर के 100 नेताओं की सूची तैयार कर उनके राजनीति की शुरुआत के दिनों की और आज की संपत्ति का खुलासा करना चाहिए.
बीजेपी चाहती है कि मैं गलत को गलत बोलना छोड़ दूं : मायावती
मायावती ने दावा किया कि 'बीजेपी ऐसा नहीं करेगी क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी के लोग ही हैं. बीजेपी मुझे प्रताड़ित करने का काम कर रही है क्योंकि वो चाहती है कि मैं गलत को गलत बोलना छोड़ दूं, लेकिन मैं मारते दम तक ऐसा नहीं करुँगी.'
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तो इसलिए केवल भाषण 'पढ़ती' हैं मायावती, सीधे नहीं बोलती
मायावती ने कहा कि लोग कहते हैं कि 'मुझे बिना पढ़े भाषण देना चाहिये और ये सुनते-सुनते लंबा वक्त हो गया. मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कहना चाहती हूँ की 1996 में मेरे गले का बड़ा ऑपरेशन हुआ था, जिसकी वजह से गले पर ज़ोर ना पड़े, इसलिए मैं लिखा हुआ भाषण पढ़ती हूँ.'
मैं बिना पढ़े भाषण देती हूँ तब मैं ऊंचा बोलने लगती हूँ : मायावती
उन्होंने कहा कि 'गले में मौजूद दो ग्लैंड्स में से एक ग्लैंड निकाल दिया गया है. इसलिए डॉक्टरों ने कहा कि गले पर ज्यादा ज़ोर नहीं देना चाहिए. जब भी मैं बिना पढ़े भाषण देती हूँ तब मैं ऊंचा बोलने लगती हूँ और कई दिनों तक गला खराब हो जाता है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मैं पढ़कर ही बोलती हूँ.'