नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पहली बड़ी बैठक की जिसमें देश भर से संगठन के करीब पांच सौ से ज़्यादा पदाधिकारी मौजूद थे. इनमें विधानसभा से लेकर मंडल प्रभारी तक शामिल थे.


मायावती ने बीएसपी की बैठक में समाजवादी पार्टी को खूब भला बुरा कहा है. बीएसपी चीफ आधे घंटे तक एसपी के साथ हुए गठबंधन पर अफसोस जताती रहीं. बैठक से बाहर आए कुछ नेताओं ने बताया कि चुनाव परिणाम वाले दिन यानी 23 मई को मायावती ने अखिलेश यादव को फ़ोन करके उनके परिवारवालों के चुनाव हारने पर अफ़सोस जताया था. मगर उसके बाद से अखिलेश की तरफ से मायावती के लिए कभी कोई फोन तक नहीं आया.





वहीं सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष और सलेमपुर से प्रत्याशी आरएस कुशवाहा की करारी हार का मुद्दा उठा. ऐसी ही तमाम लोकसभा की बानगी भी पेश की गई जहां यादव वोट अगर बसपा प्रत्याशियों को मिलते तो परिणाम कुछ और होते. इन्हीं सब बातों को लेकर मायावती ने एसपी के साथ गठबंधन पर अफसोस जताया.


मायावती ने आज की बैठक में बीएसपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए हैं जिसके तहत मायावती के भाई आनंद कुमार को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया तो वहीं भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है.


इस बैठक में तय हुआ है कि संगठन को देश भर में मजबूत करने की दिशा में काम किया जाएगा. साथ ही बैठक में ये भी कहा गया कि ईवीएम में धांधली करके बीजेपी चुनाव जीती है, इसलिए बैलट पेपर पर चुनाव कराने की लड़ाई लड़ी जाएगी.


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