नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले आज बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव के बाद ऐसी जरूरत पड़ी तो वो किसी सीट को खाली कराकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. इससे उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में मायूसी का आलम देखा गया लेकिन अब मायावती ने इसे लेकर स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट किए हैं जिसमें अपने चुनाव न लड़ने के फैसले के बारे में बताया है.


मायावती ने ट्वीट किया है कि जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी. ठीक उसी प्रकार केन्द्र में भी पीएम/मंत्री को 6 माह के भीतर लोकसभा/राज्यसभा का सदस्य बनना होता है. इसीलिये अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिये.





मायावती इस बात का संकेत दे रही हैं कि भले ही उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है लेकिन यदि ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जिसमें उनके प्रधानमंत्री या कैबिनेट मंत्री बनने का मौका आएगा तो वो चुनाव लड़कर या किसी सीट को खाली कराकर उस पद को लेने के लिए तैयार रहेंगी. लिहाजा लोगों को मायूस नहीं होना चाहिए. भले ही मायावती ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है लेकिन उन्होंने ये साफ बता दिया है कि प्रधानमंत्री या मंत्री बनने के लिए रास्ते खुले हुए हैं.


आज जब मायावती ने इस बात का एलान किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगी उसी समय उन्होंने ये भी कहा कि उनका महागठबंधन सही तरीके से काम कर रहा है. मायावती की पार्टी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके मैदान में है. राष्ट्रीय लोकदल भी इस गठबंधन का हिस्सा है. उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के बीच जो गठबंधन हुआ है उसके तहत बीएसपी 38 सीटों पर, एसपी 37 सीटों पर और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. दो सीटें रायबरेली और अमेठी पर गठबंधन चुनाव नहीं लड़ेगा.


2014 में कैसा रहा था हाल
2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी को उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन पार्टी राज्य में अपना खाता खोल पाने में नाकाम रही थी. 2014 में एसपी को 22.2 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी को अकेले दम पर 42.3 फीसदी वोट मिले थे.


लोकसभा चुनाव लड़ने से मायावती का इंकार, कहा- नतीजों के बाद जरूरत पड़ने पर लड़ूंगी चुनाव