नई दिल्लीः योगी आदित्यनाथ ने दलित के घर खाना खाया तो मायावती उन पर बरस पड़ीं. बीएसपी सुप्रीमो ने इसे तमाशा बताया. उन्होंने कहा कि इन्हें दलितों और पिछड़ों की कोई चिंता नहीं है. बहिनजी की माने तो चुनाव आते ही बीजेपी के नेता दलितों के घर जा कर फोटो खिंचवाते है. मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों को ठगने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी एक जैसी हैं. लेकिन जनता अब सब जान चुकी है और इन पार्टियों के बहकावे में नहीं आने वाली है.


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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 अप्रैल को प्रतापगढ़ के एक दलित परिवार के यहां रात का खाना खाया था. यूपी में 21 फीसदी दलित आबादी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कई बार दलितों के घर भोजन कर चुके हैं. गौर करने वाली बात ये है कि यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस को भी लपेट लिया. अब तक तो यही माना जा रहा था कि मोदी को रोकने के लिए उनकी पार्टी कांग्रेस का साथ देगी. लेकिन बहिनजी के बोल तो कुछ और ही इशारे करते हैं.


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अगले लोकसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव यूपी में महागठबंधन की वकालत करते रहे हैं. उनका इरादा बीजेपी के खिलाफ एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी को एकजुट करने का है लेकिन बहिनजी तो अलग मूड में लग रही हैं. कर्नाटक में बीएसपी और जेडीएस मिल कर चुनाव लड़ रही हैं जबकि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अखिलेश यादव का भी नाम है. उधर हरियाणा में भी बीएसपी ने इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन कर लिया है. ऐसे हालात में कर्नाटक और हरियाणा में नुक्सान तो कांग्रेस का ही है. कांग्रेस को लेकर मायावती की कड़वाहट जग जाहिर है. वैसे वो कांग्रेस के साथ 1996 में चुनावी गठबंधन कर चुकी हैं. बीजेपी के साथ मिल कर दो बार यूपी की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं.