लखनऊ: सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आने के बाद बयानों का दौर जारी है. इस पर बोलते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि वीडियो जारी करने के पीछे सरकार का मकसद अपनी नाकामियां छुपाना है ताकि लोगों का ध्यान भटकाया जा सके. अगर उन्होंने सबूत दिखाने के इरादे से ऐसा किया, तो ये वीडियो तब क्यों नहीं जारी किए गए जब स्ट्राइक हुई थी.
बता दें कि 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने आतंक के पनाहगार पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी. सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर उसकी शह पर पल रहे आतंकियों को एक एक कर ढेर कर दिया था. उसके ठिकाने नस्तेनाबूद कर दिए थे. भारतीय जांबाजों ने पाकिस्तान को इस ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगने दी थी.
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इसका 'सबूत' इन दिनों भारतीय मीडिया में घूम रहा है. करीब दो साल बाद सामने आये वीडियो में सेना आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स तबाह कर रही है. जवानों के ऑपरेशन के दौरान हेलमेट पर लगे कैमरों और ड्रोन कैमरों की मदद से पूरी कार्रवाई रिकॉर्ड की गई है.
वहीं पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया में दिखाई जा रही ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के कथित वीडियो को खारिज करते हुए इसे भारत का ‘हास्यापद’ दावा करार दिया है. बताते चलें कि भारत की फौज ने सितंबर 2016 में सीमा पार जाकर आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. कई भारतीय टीवी चैनलों ने बृहस्पतिवार को इसकी कथित वीडियो अपने चैनलों पर दिखाई.
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वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है और फिर कहूंगा. सर्जिकल स्ट्राइक का हास्यापद दावा भारत की एक काल्पनिक कथा है और कुछ नहीं! वो ख्वाब देख सकते हैं.’’