लखनऊ: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता के नशे में चूर है और उसकी सभी नीतियां उसके लिए प्रतिउत्पादक सिद्ध हो रहीं हैं. हाल यह है कि अब बीजेपी काला धन तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के नाम पर देश में अत्याचार कर रही है. मायावती ने मंगलवार को यहां पत्रकार सम्मेलन में यह बातें कहीं. उन्होंने बीजेपी पर किसान और गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया.
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी के नोटबंदी के फैसले के कारण कतारों में खड़े कई लोगों की मौत हुई. देश की अधिकांश जनता नोटबंदी से परेशान है. अब तो अच्छे दिन के आसार बहुत कम दिख रहे हैं. बीजेपी का हर फैसला और नीति गरीब विरोधी है.
नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन जनता को राहत नहीं
मायावती ने कहा कि बगैर पूर्व तैयारी के नोटबंदी का फैसला किया गया. नोटबंदी के फैसले को देश के काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा. बीएसपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को काले धन के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी जवाब देना चाहिए. उन्हें कम से कम यह बताना चाहिए कि अब तक कितना कालाधन पकड़ा गया. बिना कोई जवाब दिए वह रोज नया-नया शिगूफा छोड़ रहे हैं. अब तो नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन जनता को राहत नहीं मिली है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कांग्रेस ने लोगों को गुमराह किया. अब भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस की राह पर चल रही है. गत साल 31 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए केवल घोषणाएं की थीं. यह सब खानापूर्ति है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आसन्न होने पर उनको सब कुछ याद आ रहा है. प्रधानमंत्री ने ये घोषणाएं डेढ़ साल पहले क्यों नहीं कीं?
मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच मिलीभगत है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी परिवार के झगड़े पर कोई टिप्पणी नहीं की. मायावती ने कहा कि प्रदेश में दलित व मुस्लिम वर्ग के मतों से बीएसपी विजयी होगी. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के साथ सवर्ण जाति के लोग भी बीएसपी को वोट देंगे. इस परिस्थिति में कांग्रेस को वोट देना भी बीजेपी को फायदा पहुंचाने जैसा ही है.
नोटबंदी आजाद भारत का काला अध्याय: मायावती
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता मोदी सरकार से परेशान हो गई है.
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उन्हें नोटबंदी से क्या मिला? सरकार के नोटबंदी के फैसले से 90 फीसदी जनता को परेशानी हुई है जिससे कई लोगों की जानें गई. लोगों को पहले की तरह पैसे निकालने की आजादी मिलनी चाहिए. मोदी सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी का फैसला किया है.
उन्होंने नोटबंदी के फैसले को आजाद भारत का काला अध्याय बताते हुए कहा कि अच्छे दिन के आसार बहुत कम दिख रहे हैं. मायावती ने कहा कि उम्मीद है कि लोगों के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे और उन्हें अपने पैसे खर्च करने की आजादी होगी.
मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रधानमंत्री की रैली में उमड़ी भीड़ के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में भाड़े पर लोगों को लाया गया था. मोदी सरकार जनता का ध्यान नोटबंदी से हटाने पर लगी हुई है.
दलित किसी के बहकावे में आने वाले नहीं: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान देखकर मुस्लिम वोटों को लेकर चिंता जताई है और यह भी कहा कि दलित नासमझ नहीं हैं कि अंबेडकर का नाम इस्तेमाल करने से किसी के बहकावे में आ जाएं. उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा होते ही सभी 403 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी और वह अंतिम होगी.
एसपी में चल रहे घमासान पर मायावती ने कहा कि अखिलेश व शिवपाल खेमे में वोट बंटेंगे. इससे मुसलमानों के वोट बंटेंगे, इससे बीजेपी मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि यूपी में यादव का वोट 5 प्रतिशत ही है, जो 60-70 विधानसभा सीटों पर ही निर्णायक वोट होता है.
लगता है मोदी स्वीकार कर चुके हैं हार: मायावती
बीएसपी पर जातिवादी पार्टी होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हार स्वीकार चुके हैं और इसीलिए वह कह रहे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव पार्टी की जीत या हार का मुद्दा नहीं है.
मायावती ने कहा, ‘‘विरोधी दल बीएसपी पर गलत आरोप मढते हैं कि वह जातिवादी पार्टी है (विरोधी दल ऐसा इसीलिए करता है) ताकि अन्य जातियों के लोग बीएसपी को वोट ना दें. ये राजनीतिक साजिश है.’’ उन्होंने कहा कि बीएसपी की चार सरकारों के समय पार्टी ने दलितों के अलावा अन्य सभी जातियों के हितों के लिए काम किया था. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद के भीतर और बाहर उंची जाति के गरीबों को आरक्षण की मांग भी उठायी है.
चुनाव के लिए समाज के सभी वर्गों को दिया टिकट
मायावती ने कहा, ‘‘हम जातिवादी नहीं है, इसका ताजा सबूत है कि हमने अगले चुनाव के लिए समाज के सभी वर्गों को टिकट दिया. हमने उम्मीदवार काफी पहले ही तय कर लिये थे.’’ उन्होंने बताया कि 403 सीटों में से 85 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. बीएसपी ने 87 टिकट दलितों, 97 मुसलमानों, 106 अन्य पिछडे वर्ग, 113 उंची जाति के लोगों (66 ब्राहमण, 36 क्षत्रिय और 11 कायस्थ, वैश्य एवं पंजाबी) दिये हैं.
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने काफी समय पहले ही प्रत्याशी तय कर लिये थे और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन सूची बाद में जारी की जाएगी. मायावती ने चुनाव में किसी से गठजोड़ की संभावना से भी इनकार किया.