ऩई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार का 2019-20 के लिये 4,79,701.10 करोड़ रुपये के व्यय का बजट बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में पेश किया गया. बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएसपी चीफ मायावती ने कहा, ''चुनावी वर्ष में बीजेपी सरकारों का बजट चाहे कितना भी लुभावना क्यों ना हो, वास्तव में सरकार का साल भर का जनहित व जनकल्याण एवं अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था का काम ही आमजनता के लिये महत्त्वपूर्ण होता है.''


नायावती ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ''इन मामलों में केन्द्र व खासकर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार बुरी तरह से विफल साबित हुई है जो जगजाहिर है. केवल संगम स्नान से सरकारों के पाप नहीं धुल सकते. जनता बहुत होशियार है और सब जानती-समझती है.

वहीं योगी सरकार के बजट के आकलन पर अखिलेश कहते हैं, ‘‘इस बजट को मेरी तरफ से शायद ही कुछ नम्बर मिलें.’’

अखिलेश ने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है, जो था वह भी खो दिया. बजट में किसानों और व्यापारियों के लिये कुछ नहीं है, बेरोजगारी के खात्मे के लिये कुछ नहीं है. ना ही स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के लिये कोई बजट है. यह बजट धोखा देने वाला निकला.

उन्होंने दावा किया कि जितना काम सपा सरकार ने अयोध्या, काशी और मथुरा में किया है, उसका आधा बजट भी योगी सरकार नहीं दे पायी है. जो काम सपा सरकार में हुआ, उसे आगे नहीं बढ़ा पायी. अब चुनाव आ गया है तो कुछ बजट दे दिया.

अखिलेश ने कहा कि नये मेडिकल कॉलेजों के लिये कोई प्रावधान नहीं है. शिक्षा के लिये कुछ नया नहीं. कोई नया सैनिक स्कूल नहीं खुलने जा रहा है. एक्सप्रेसवे के लिये जो धन दिया गया है, वह ऊंट के मुंह में जीरा है.

बता दें कि राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश करते हुये कहा कि नया बजट पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है. बजट में 21,212.95 करोड़ रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गई हैं.