गौरतलब है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बुधवार को संसद में रखी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के लिए राजग सरकार ने जो सौदा किया वह इन विमानों की खरीद के लिए 2007 में की गई तत्कालीन संप्रग सरकार की वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है.
रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि भारत के लिहाज से किए गए संवर्द्धन के नजरिये से यह सौदा 17.08 फीसदी सस्ता है.
रिपोर्ट में हालांकि मीडियम मल्टी रोल लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) सौदे के विवादास्पद ऑफसेट खंड की चर्चा नहीं की गई है. इस रिपोर्ट में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के मूल्य की जांच की गई है, लेकिन वास्तविक मूल्य का खुलासा नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि राफेल सौदा 59,000 करोड़ रुपये में किया गया है.
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