लखनऊ: मायावती का दांव काम कर गया है. उनके खाली किये गए सरकारी बंगले में कांशीराम मेमोरियल गेस्ट हाऊस बना रहेगा. योगी सरकार ने इस घर से कोई छेड़छाड़ न करने का मन बनाया है. मामला दलित वोट का है, इसीलिए बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. हो सकता है बीजेपी सरकार इस बंगले में आंबेडकर की मूर्ति लगवा दे. सीएम योगी आदित्यनाथ के एक करीबी नेता ने ये जानकारी दी. मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने यहां अपनी और कांशीराम की मूर्ति लगवाई थी.


उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला मिलने का नियम था. इस नाते मायावती को 13 मॉल एवेन्यू का घर मिला था. वे यहां पिछले 23 सालों से रह रही थीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें ये घर छोड़ना पड़ा.


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योगी सरकार ने मकान खाली करने के लिए 2 जून का नोटिस दिया था. घर बचाने के लिए उन्होंने कई चालें चली लेकिन जब कुछ भी काम नहीं आया तो बहिनजी ने दलित कार्ड खेल दिया. मायावती ने राज्य संपत्ति विभाग को लिखा,"मैं तो यहां सिर्फ दो कमरों में रहती हूँ, बाकी हिस्से में कांशीराम विश्राम स्थल बना हुआ है".



चिट्ठी लिखने से पहले उन्होंने घर के बाहर इसी नाम का बोर्ड भी लगवा दिया. फिर भी बात नहीं बनी तो उन्होंने एक नए घर की कहानी सामने रख दी. बहिनजी ने घर छोड़ने के नाम पर किसी और सरकारी बंगले की चाभी स्पीड पोस्ट से राज्य सरकार को भेज दी. तब भी उनकी नहीं सुनी गयी लेकिन बहिनजी के दिमाग में कुछ और भी चल रहा था.


घर खाली करने के डेडलाईन यानी 2 जून को मायावती ने अपने घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुला ली. जिनके घर में बड़े बड़े नेता बिना जूते चप्पल के जाते थे. उस घर का एक एक कोना मायावती ने मीडिया के लिए खोल दिया.


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उन्होंने किचेन से लेकर बैडरूम तक दिखा दिया. बहिनजी ने घूम घूम कर दीवार पर लगी कांशीराम की मूर्तियां दिखाई. उनके लायब्रेरी से लेकर उनके सोने का कमरा बताया. मायावती ने कहा,"बीएसपी के संस्थापक कांशीराम यहीं रहा करते थे, हमने उनके सम्मान में इसे गेस्टहाऊस बना दिया."


ये कह कर पूर्व सीएम ने घर खाली कर दिया. वो सामने बने अपने प्रायवेट बंगले में चली गयीं. अब योगी सरकार वही करने के मूड में है, जैसा मायावती चाहती थीं. 13 मॉल एवेन्यू का सरकारी बंगला कांशीराम स्मारक ही रहेगा. यहां सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गयी है. अगले लोक सभा चुनाव से पहले बीजेपी किसी भी सूरत में दलितों को नाराज़ नहीं करना चाहती है.