लखनऊ: एसपी-बीएसपी ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जिनमें से जया बच्चन तो जीत गईं लेकिन बीएसपी उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर हार गए. इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है कि एसपी सिर्फ लेना जानती है, देना नहीं. देखा जाए तो इस बयान के सियासी मायने बेहद महत्वपूर्ण हैं.


- लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी यूपी में दोनों सीटें हार गई थी और इस कारण उसकी बहुत किरकिरी भी हुई थी लेकिन इस जीत से बीजेपी का मनोबल बढ़ेगा.


- लोकसभा उपचुनाव में एसपी-बीएसपी साथ आ गए थे और इसके बाद एसपी ने बीएसपी के राज्यसभा उम्मीदवार को जिताने का भी वादा किया था.


दो हफ्ते के भीतर सीएम योगी ने लिया लोकसभा उपचुनावों की हार का बदला


- अब बीएसपी के उम्मीदवार जीत नहीं पाए, बीजेपी इसे गठबंधन में दरार की तरह प्रचारित करेगी और मनोवैज्ञानिक फायदा उठाना चाहेगी.


- इन नतीजों से निसंदेह बीएसपी को झटका लगा है. माना जा रहा था कि 2019 में एसपी-बीएसपी साथ आ सकते हैं लेकिन अब तस्वीर थोड़ी धुंधली हो गई है.


- योगी ने अपने बयान में कहा,"अभी भी बीएसपी के पास संभलने का वक्त है." साफ है कि उन्होंने बीएसपी को संदेश देने का प्रयास किया है.


मायावती की ओर से इस हार पर कोई बयान सामने नहीं आया है हालांकि उनकी पार्टी के नेता सतीश मिश्र ने साफ कहा कि बीजेपी ने धन-बल का सहारा लिया है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि 2019 में क्या होगा? देखना ये होगा कि क्या रालोद, कांग्रेस, एसपी, बीएसपी जैसे दल बीजेपी के खिलाफ एक हो पाएंगे?