लखनऊउत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई का विरोध करते हुए मीट विक्रेताओं ने आज से हड़ताल पर जाने का एलान किया है. इस हड़ताल के समर्थन में मटन, चिकन विक्रेता और मछली कारोबारी भी शामिल हो गए हैं.


यूपी में बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में मीट विक्रेता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इनमें मटन, चिकन, और मछली बेचने वाले व्यापारी शामिल हैं. हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी उन होटलों और रेस्टोरेंट्स को हो रही है, जिसमें नॉनवेज परोसा जाता है. सप्लाई नहीं आने की वजह से कई होटल और रेस्त्रां बंद हो चुके हैं.



हालांकि, यूपी सरकार की ओर से साफ-साफ कहा गया है कि कार्रवाई सिर्फ उन बूचड़खानों के खिलाफ हो रही है जो अवैध हैं. मीट बेचने वाले उन दुकानों को भी बंद कराया जा रहा है जिनके पास लाइसेंस नहीं हैं. जिनके पास लाइसेंस है उन्हें अपना काम रोकने की जरूरत नहीं है.


उत्तर प्रदेश में 40 वैध और करीब 316 अवैध बूचड़खाने हैं. जिन बूचड़खानों के पास विभागों के लाइसेंस पूरे नहीं होते वो अवैध माने जाते हैं. बूचड़खाने बंद होने से सरकार को सलाना 11 हजार 350 करोड़ का नुकसान होगा. एनजीटी ने दो साल पहले बूचड़खानों पर बैन लगाया था.


बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में बूचड़खानों को बंद करने की बात कही थी. 19 मार्च को शपथ लेते ही सरकार ने तुरंत-प्रभाव से अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की है. प्रदेश के कई जिलों में पिछले एक हफ्ते से बूचड़खानों को सील किया जा चुका है.