मेरठ: बाबा रामदेव की खरी-खरी: हनुमानजी को जातियों में बांटने वाले नेताओं को समाज सबक सिखाए
बाबा रामदेव ने कहा कि वैदिक काल में जाति-व्यवस्था नहीं थी. एकतरफ हम जाति-मुक्त भारत की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर महापुरूषों को जाति के झमेले में डालकर पूर्वजों का अपमान और अनादर करते हैं. यह बहुत ही अशोभनीय है.
मेरठ: योगगुरू बाबा रामदेव ने हनुमानजी की जातियां बताने वाले नेताओं को आड़े हाथ लिया है. उन्होने कहा है कि नेता अपने स्वार्थों के लिए महापुरूषों को जाति और मजहब में बांटने का काम कर रहे हैं. भगवान उनको सदबुद्धि दें और जो महापूरुषों को जातियों में बांट रहे है समाज उनको सबक सिखाएं.
एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि वैदिक काल में जाति-व्यवस्था नहीं थी. एकतरफ हम जाति-मुक्त भारत की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर महापुरूषों को जाति के झमेले में डालकर पूर्वजों का अपमान और अनादर करते हैं. यह बहुत ही अशोभनीय है. ऐसा नहीं कहना चाहिए. अपने बयान में आगे उन्होने कहा कि अगर नेता ऐसा करते हैं तो उन्हें समाज सबक सिखाये. उनका इशारा चुनाव को लेकर था.
बुलंदशहर में गौकशी-हिंसा के मुद्दे पर फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह के बयान के जबाब में उन्होने कहा कि गौमाता, मानवता बचनी चाहिए और भारतमाता का अनादर, तिरस्कार नहीं होना चाहिए. नसीरूद्दीन शाह की ओर इशारा करते हुए उन्होने कहा कि कुछ लोग भारत का खाते हैं, भारत से उनका यश, गौरव, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य है और फिर भी वह भारतमाता को गाली देने लग जाते हैं. ऐसे मुद्दे पर पूरे भारत देश को कैसे कटघरे में खड़ा किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत को कैसे असहिष्णु कह सकते हैं जबकि भारत में कितनी सहिष्णुता, शालीनता, स्वतन्त्रता, स्वाधीनता, आजादी है. यह जरूर है कि एंटी-सोशल एलीमेंट ऐसी घटनाओं को जन्म देते हैं उनके खिलाफ प्रशासन को जांच करनी चाहिए और उन्हें दंड देना चाहिए. लेकिन एक घटना के लिए पूरे देश को कटघरे में लाना देश के साथ नाइंसाफी, धोखा और गद्दारी करना होगा.
रामजन्मभूमि मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए रामदेव ने कहा कि राममंदिर बनने की उम्मीद कायम है. केंद्र और उत्तर-प्रदेश दोनों जगह रामभक्तों की सरकार है. मोदी और योगी दोनों रामभक्त हैं. मंदिर अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा.