मेरठ, बलराम पांडेय: मेरठ में कोरोना की मार से किसान बेहाल हो गए हैं. फलों के राजा आम और लीची के दामों में 30 से 40 प्रतिशत की भारी गिरावट ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है. किसानों का कहना है कि कोरोना की वजह से बाहरी कारोबारी नहीं आ पा रहे हैं. जिसकी वजह से मंदी आई है. हालांकि, किसानों ने ये उम्मीद भी जताई है कि जल्द सबकुछ ठीक हो जाएगा और उनका कारोबार एक बार फिर पटरी पर आ जाएगा.



मेरठ के शाहजहांपुर स्थित आम और लीची के बाग में आमों की विभिन्न प्रजातियों की दूर-दूर तक चर्चा हैं. जहां के बागों में आम से लदे पेड़ सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे, तो लीची के पेड़ में लगे लीची के गुच्छे भी सबको मजबूर कर रहे हैं कि एक बार इसे तोड़कर इसका स्वाद चखा जाए. किसानों ने बताया कि इस बाग में मौजूद आम की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं, जिनका आम बहुत मीठा होता है, जिसे लोग बहुत पसंद करते है. इन प्रजातियों में दसहरी, लंगड़ा, चौसा, रामकेला, सिंदूरी और मुंबई है, जिन्हें लोग खूब पसंद करते हैं.



कोरोना काल में आम के कारोबार पर कितना असर पड़ा है, इसके बारे में जब किसानों से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि इस बार उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी असल वजह है कोरोना काल में बाहरी कारोबारियों का न आना.



किसानों की मानें, तो जो आम की कैरेट 800 - 1000 रुपये की जाती थी. आज वो 300 और 400 रुपये तक जा रही है और यही हाल लीची का भी है, जिस लीची के दाम 400 से 500 रुपये जाती थी. आज वो 250- 300 रुपये में ही जा रही है.


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